कई लोग शराब पीने के आदी होते हैं और इसके लिए वह पेग बनाकर शराब का सेवन करते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि शराब के गिलास को पेग क्यों कहा जाता है? अगर नहीं तो चलिए हम आपको बताते हैं इस बारे में।
लाइफस्टाइल डेस्क : आजकल कई पार्टी, ऑकेजन या बर्थडे बिना शराब के अधूरा माना जाता है। दोस्तों के साथ चिल करना ना हो या लंबी गपशप में बैठना हो, लोग एक गिलास वाइन या शराब का सेवन करना खूब पसंद करते हैं। इसके लिए लोग 30, 60, 90 एमएल या फिर पटियाला पेग बनाते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि शराब के इस गिलास को पेग क्यों कहा जाता है और यह जो शब्द है यह कहां से आया है? तो चलिए आज हम आपको बताते हैं पेग से रिलेटेड एक बेहद ही इंटरेस्टिंग कहानी...
क्या होता है पेग
पेग शब्द का इस्तेमाल एक इकाई के रूप में किया जाता है, जिसे शराब को मापने के लिए यूज किया जाता है और इसे गिलास में डालकर इसमें अपनी पसंद से पानी, सोडा या बर्फ डालकर पिया जाता है। अमूमन ये पेग 30ml, 60ml, 90ml में या फिर कुछ पेग पटियाला (120ml तक ) भी होते हैं। 30ml शराब परोसने की सबसे छोटी यूनिट होती है। वहीं, भारत में पटियाला पेग सबसे बड़ी यूनिट मानी जाती है। इसके अलावा शराब के शॉर्ट्स भी होते हैं, जिसमें कोई जूस, सोडा, पानी या बर्फ नहीं मिलाई जाती है, सीधे शराब को पिया जाता है।
कहां से हुई पेग शब्द की शुरुआत
अब बात आती है कि शराब के गिलास को बैग क्यों कहा जाता है? तो चलिए आपको बताते हैं इससे जुड़ी एक दिलचस्प कहानी। दरअसल, बहुत समय पहले इंग्लैंड में ठंड के मौसम में कोयले की खदानों में मजदूर काम किया करते थे। जब वह अपना डेली वेज लेने अपने मालिक के पास जाते, तो खदान का मालिक सभी मजदूरों को पैसों के साथ ग्लास ब्रांडी देते। इसे पीकर वे काफी उत्साहित हो जाते थे। तब से वह इस शराब के गिलास को प्रेशियस इवनिंग ग्लास (Precious Evening Glass) कहने लगे और आगे जाकर इसी प्रेशियस इवनिंग ग्लास का शॉर्ट फॉर्म PEG यानी की पेग पड़ गया।
और पढ़ें: स्वाद में कमाल सेहत में बेमिसाल है सफेद कद्दू, जानें इससे होने वाले 5 फायदे
गेहूं के आटे से बनाएं इम्यूनिटी बूस्टर लड्डू और पूरी सर्दियों में मौसमी बीमारियों से रहे दूर