बिहार चुनाव में इस बार भी महिलाओं ने दिखाया दम तो क्या होगा, पूर्व मंत्री-बेटे- दामाद तक को मिली थी मात

पटना (Bihar)। बिहार विधानसभा के पिछले (2015) के चुनाव में महिलाओं ने काफी रूचि दिखाई थी। जिसके चलते बड़ा उलटफेर हो गया था। जी हां एक तरफ आधी आबादी ने 60 फीसद से अधिक मतदान किया था, जबकि 28  सीटों पर महिलाएं ही चुनाव जीतीं थी। इतना ही नहीं कई ऐसी भी महिला प्रत्याशी रहीं, जिन्होंने लंबी अवधि से विधायक रहे दिग्गजों को विधानसभा जाने से रोक दिया था। इनमें पूर्व मंत्री, उनके बेटे और दामाद तक शामिल थे। बता दें कि इस बार भी कई महिलाओं के भी चुनावी समर में उतरने संभावना है, जिसमें तेज प्रताप यादव तक की पत्नी ऐश्वर्या भी शामिल हैं, जिनसे उनका तलाक का मामला चल रहा है। 

Asianet News Hindi | Published : Sep 25, 2020 11:05 AM IST / Updated: Sep 27 2020, 06:59 PM IST

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बिहार चुनाव में इस बार भी महिलाओं ने दिखाया दम तो क्या होगा, पूर्व मंत्री-बेटे- दामाद तक को मिली थी मात

पिछले बिहार विधानसभा चुनाव के 243 सीटों पर हुए चुनाव में 28 महिलाएं विधायक बनीं थीं। इनमें एक प्रत्याशी बेबी कुमारी निर्दलीय चुनाव जीतकर विधायक बनीं थीं। वहीं, सबसे अधिक दस महिला विधायक राजद से जीतकर विधानसभा आईं थी, जबकि जदयू से आठ, भाजपा से पांच और कांग्रेस से चार महिलाओं ने चुनावी समर में जीत दर्ज की थी। 
 

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पिछले चुनाव में रामविलास पासवान के दामाद अनिल कुमार को लोजपा ने बोचहां सीट से अपना प्रत्याशी बनाया था जिसके बाद बेबी कुमारी ने निर्दलीय पर्चा भरा और जीती भी। उन्होंने पूर्व मंत्री रमई राम को हराया था।

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कांग्रेस के टिकट पर महागठबंधन प्रत्याशी के रूप में भावना झा ने बेनीपट्टी विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा था। उनके सामने भाजपा के टिकट पर विनोद नारायण झा थे। वो उस समय भाजपा के प्रवक्ता हुआ करते थे। भावना ने उन्हें पराजित कर दिया। बाद में विनोद नारायण झा को भाजपा ने विधान परिषद में भेजा और अभी वह मंत्री हैं।
 

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चकाई विधानसभा क्षेत्र से पूर्व मंत्री नरेंद्र सिंह के पुत्र सुमित कुमार सिंह निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में मैदान में थे। सुमित ने 2010 का चुनाव इसी विधानसभा क्षेत्र से झामुमो प्रत्याशी के रूप में जीता था। नरेंद्र सिंह की यह पुरानी सीट रही है। लेकिन, राजद की सावित्री देवी ने उन्हें हरा दिया था।
 

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पूर्व मंत्री व राजद के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके रामचंद्र पूर्वे परिहार विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे थे। उन्हें भाजपा की गायत्री देवी ने हराया था। बता दें कि गायत्री देवी के पति राम नरेश प्रसाद यादव ही नए परिसीमन के बाद 2010 का विधानसभा चुनाव यहां जीते थे। कहा जाता है कि आपराधिक मामलों में नाम आने के चलते उनका चुनाव प्रभावित हुआ था और पत्नी को पार्टी ने टिकट दिया। परिहार विधानसभा क्षेत्र में गायत्री देवी का परिवार चर्चित है। देखते हैं कि इस बार बीजेपी अपना सीट बचाने में कामयाब हो पाती है या नहीं।
 

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बताते चले कि इस बार मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा के मुताबिक बिहार में 243 सीटें हैं। 38 सीटें आरक्षित हैं। 2015 में पिछले विधानसभा चुनाव के वक्त 6.7 करोड़ वोटर थे, अब 7.29 करोड़ वोटर हैं। इसमें 3 करोड़ 79 लाख पुरूष वोटर और 3 करोड 39 लाख महिला वोटर शामिल हैं।

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