रघुवंश प्रसाद सिंह के मुताबिक संस्कृति मंत्रालय ने कहा है कि जब तक पुरातत्विक साक्ष्य के साथ प्रमाणित नहीं हो, इसके बारे में कोई निष्कर्ष नहीं निकाला जा सकता है। वैशाली के पूर्व सांसद ने कहा था कि फाह्यान, ह्वेनसांग, कनिंम, रोमिला थापर जैसे विद्वानों के लेखों एवं पुस्तकों में महात्मा बुद्ध के भिक्षापात्र का उल्लेख है ।