पटना (Bihar) । परिवारवाद और वंशवाद की राजनीति का बोलबाला है। कई नेताओं की दूसरी-तीसरी पीढ़ी विरासत को आगे बढ़ा रही है। इस मामले में बिहार भी किसी से पीछे नहीं है। यहां के बेताओं ने अपने बेटे, बेटी, बहू, पत्नी, मां और बेटी की सास तक को माननीय बनाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी है। लालू यादव की राजनीतिक विवासत उनके बेटे लोग तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav), तेज प्रताप यादव (Tej Pratap Yadav) बढ़ा रहे हैं जबकि रामविलास पासवान की विरासत पर चिराग पासवान (Chirag Paswan) राजनीति कर रहे हैं। लेकिन बिहार के 6 बार सीएम बने नीतीश कुमार (Nitish Kumar) इस मामले में अलग हैं। उनका इकलौता बेटा निशांत कुमार (Nishant Kumar) राजनीतिक मंचों पर कभी नहीं दिखते हैं।