कौन हैं रामा सिंह, जिन्हें तेजस्वी यादव ने रात के अंधेरे में बुलाकर थमाया सिंबल,यहां से पत्‍नी होंगी प्रत्याशी

पटना (Bihar ) । पूर्व केंद्रीय मंत्री और आरजेडी के वरिष्‍ठ नेता रघुवंश प्रसाद सिंह (Raghuvansh Prasad Singh) ने मरने के बाद आखिरकार वही हुआ, जिसका कयास लगाया जा रहा था। लगातार हो रहे विरोध के बावजूद रामा सिंह (Rama singh) की आरजेडी (DJD) में एंट्री हो ही गई। तेजस्‍वी यादव (ejaswi Yadav) ने रात के अंधेरे मे गुपचुप तरीके से उन्हें आरजेडी का सिंबल थमा दिया। बताते चले कि इसी मंगलवार को ही उन्‍हें पार्टी में शामिल कराने और उनकी पत्‍नी वीणा सिंह (Veena Singh) को महनार से उम्‍मीदवार बनाने की घोषणा होनी थी। लेकिन, पार्टी कार्यकर्ताओं के विरोध को देखते हुए इसे टाल दिया गया था। हालांकि रामा सिंह ने मीडिया में कहा था कि उनकी पत्‍नी वीणा सिंह को महनार से उम्‍मीदवार बनाया जाना है। 

Asianet News Hindi | Published : Oct 8, 2020 4:40 AM IST
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कौन हैं रामा सिंह, जिन्हें तेजस्वी यादव ने रात के अंधेरे में बुलाकर थमाया सिंबल,यहां से पत्‍नी होंगी प्रत्याशी

बताते चले कि रामा सिंह तो वैसे कई बार चर्चा में रहे, लेकिन उनका पुलिस फाइल में बड़ा नाम तब आया जब वह विधायक बन गए। 90 के दशक में तेजी से उभरा था। उनकी दोस्ती अपने समय के डॉन अशोक सम्राट से हुआ करती थी। वो वैशाली ही नहीं, बल्कि पूरे उत्तर बिहार में बादशाहत का सपना देख रहे थे। लेकिन, इसी दौरान अशोक सम्राट हाजीपुर में पुलिस के साथ मुठभेड़ में मारा गया था। 

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साल 2001 में छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले के कुम्हारी इलाके में 29 मार्च 2001 को पेट्रोल पंप व्यवसायी जयचंद वैद्य का अपहरण हुआ था। अपहरणकर्ता जयचंद को उनकी कार के साथ ले गए थे। इस केस में रामा सिंह को छत्तीसगढ़ की अदालत में सरेंडर कर जेल भी जाना पड़ा था।( फाइल फोटो)

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साल 1996 से लगातार 5 बार वैशाली सीट पर राजद का झंडा गाड़ने वाले रघुवंश सिंह का विजय रथ भी 2014 में लोजपा के रामा सिंह ने ही रोका था। उसके बाद 2019 में भी उनके खिलाफ ही रामा गोलबंदी में रहे, जबकि उनकी सीट पर लोजपा ने वीणा देवी को उतारा था। इतना ही नहीं वैशाली सीट पर रामा सिंह हमेशा उनके खिलाफ रहे।(फाइल फोटो)

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रामा सिंह पांच बार विधायक रहे हैं । 2014 के मोदी लहर में राम विलास पासवान की लोजपा से वैशाली से सांसद चुने गए। उन्होंने आरजेडी के कद्दावर नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री रघुवंश प्रसाद सिंह को हराया था। इसी हार के बाद रघुवंश प्रसाद रामा सिंह का नाम तक नहीं सुनना चाहते थे। (फाइल फोटो)

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साल 2014 के लोकसभा चुनाव के बाद रघुवंश प्रसाद सिंह ने जयचंद वैद अपहरण कांड को ही आधार बना कर पटना हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की थी। आरजेडी नेता रघुवंश प्रसाद सिंह का आरोप था कि चुनाव आयोग को दिए गए शपथ पत्र में रामा किशोर सिंह ने वैद अपहरण कांड से संबंधित जानकारी नहीं दी है, इसलिए लोकसभा की उनकी सदस्यता रद्द की जानी चाहिए।(फाइल फोटो)

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2014 में सांसद बनने के बाद 2019 में एलजेपी ने रामा सिंह को टिकट नहीं दिया था। यहां से वीणा देवी को प्रत्याशी बनाया गया था। जिसके बाद उन्होंने पार्टी छोड़ दी और आरजेडी में आने की कोशिश कर रहे हैं। बता दें कि इनका 2019 से रघुवंश सिंह विरोध कर रहे थे, जिसके चलते आज तक उनकी आरजेडी में नहीं हो पाई थी।

(फाइल फोटो)

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