छपरा (बिहार). एक बूढ़े बाप के कंधे पर जवान बेटे की अर्थी उठे, इससे बड़ा दुख क्या होगा। सोचो वह यह बोझ कैसे उठाता होगा। ऐसी एक मार्मिक कहानी बिहार के छपरा जिले से सामने आई है, जब BSF शहीद जवान राहुल सिंह की अंतिम यात्रा निकाली गई। एक तरफ जहां 'जब तक सूरज-चांद रहेगा, राहुल तेरा नाम रहेगा' वहीं दूसरी तरफ बूढ़ा बाप अपने बेटे की अर्थी को कंधे पर रख रोए चला जा रहा था। यह दुखद मंजर जिसने भी देखा उसकी आंखों से आंसू छलक पड़े। दुखी मन से सब यही कहे जा रहे थे कि भगवान ऐसे दिन किसी को ना दिखाए।