फिल्म की तरह थी इस नेता की कहानी, पांच दिन के लिए बने थे बिहार के सीएम

पटना (Bihar) । आज बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री सतीश प्रसाद सिंह की जयंती है, जिनकी कहानी किसी फिल्म के स्टोर की तरह है। बता दें कि वो पांच दिन के लिए बिहार के सीएम बने थे। जिनकी  पिछले साल कोरोना के कारण मौत हो गई थी। आज हम आपको उनके बारे में बता रहे हैं। 
 

Ankur Shukla | Published : Jan 1, 2021 11:37 AM IST / Updated: Jan 01 2021, 05:12 PM IST

15
फिल्म की तरह थी इस नेता की कहानी, पांच दिन के लिए बने थे बिहार के सीएम

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताकि सतीश प्रसाद सिंह का जन्म यूं तो एक जमींदार परिवार में हुआ। लेकिन, राजनीति का शौक चढ़ने के कारण उनके पिता ने इन्हें घर से निकाल दिया। बताते हैं कि इनके घर से निकलते ही भाइयों ने पिता की जमीन का बंटवारा कर लिया और सतीश प्रसाद के हिस्से में जमीन का छोटा सा टुकड़ा आया।
(फाइल फोटो)

25

साल 1962 में सतीश प्रसाद ने परबत्ता विधानसभा क्षेत्र से पहला चुनाव लड़ा को लोग उनपर हंसा करते थे कि वह राजनीति के चक्कर में जमीन बेच खाएंगे। बता दें कि इस चुनाव में वो हार गए थे। इसके बाद साल 1964 में उपचुनाव हुआ तो निर्दलीय चुनाव लड़े। मगर, एक बार फिर उन्हें हार का सामना करना पड़ा। लेकिन, उन्होंने हार नहीं बनी। 
(फाइल फोटो)

35

साल 1967 के विधानसभा चुनाव में संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी से परबत्ता विधानसभा सीट से चुनाव लड़े। बताते हैं कि उस समय लोगों में कांग्रेस के खिलाफ गुस्सा था, जिसका लाभ सीधे सतीश प्रसाद सिंह को मिला और वे 20 हजार से भी अधिक वोटों से जीत गए थे। 
(फाइल फोटो)

45

साल 1967 के चुनाव में कांग्रेस बिहार में बहुमत नहीं पा सकी। इसी का नतीजा था कि पहली बार गैर कांग्रेसी सरकार बनी, तब जनक्रांति दल में रहे महामाया प्रसाद सिन्हा को पहला गैर-कांग्रेसी मुख्यमंत्री बनाया गया। 
(फाइल फोटो)

55

जानकार बताते हैं कि 330 दिनों तक सत्ता संभालने के बाद उन्हें कुर्सी छोड़नी पड़ी। इसके बाद संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी के नेता सतीश प्रसाद सिंह मुख्यमंत्री बनाए गए, लेकिन पांच दिन में हटा दिए गए। फिर बीपी मंडल को सीएम पद की  शपथ दिलाई गई थी। हालांकि पिछले साल उनकी कोरोना के कारण मौत हो गई थी।
(फाइल फोटो)
 

Share this Photo Gallery
click me!
Recommended Photos