जीतनराम मांझी के हवाले से मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया, "हमें इस बात की भारी चिंता है कि तपस्वी और समाजसेवी रघुवंश बाबू, जो 32 साल तक लगातार लालू के साथ रहे और अंतिम समय में उनके खानदान की ओर से यह कहा गया कि समुद्र में एक लोटा पानी बाहर ही हो जाएगा तो क्या होगा। इस बात से उन्हें काफी चोट पहुंची होगी।"