कुत्तों से नींद खराब हुई तो पेइंग वार्ड में शिफ्ट हुए, लालू ने 2 साल में 7 लाख दिए; बंगले में ऐसे हैं 'ठाठ'

पटना। बिहार में विधानसभा चुनाव होने हैं और आरजेडी चीफ लालू यादव राज्य से बाहर हैं। दरअसल, भ्रष्टाचार के एक मामले में वो जेल में सजा काट रहे हैं। हालांकि खराब तबियत की वजह से उन्हें रिम्स में भर्ती कराया गया था। लालू भले ही चुनाव में नहीं हैं, लेकिन रिम्स और उनका नाम आगामी चुनाव के लिए चर्चा का विषय बन चुका है। इस पर काफी विवाद भी हो रहा है और झारखंड हाईकोर्ट में एक याचिका भी दायर हुई है। लालू हाई कैटेगरी सजायाफ्ता कैदी हैं। जेल में रहने की बजाय वो खराब तबियत की वजह से अस्पताल में हैं। 
 

Asianet News Hindi | Published : Sep 8, 2020 6:13 AM IST / Updated: Sep 08 2020, 11:45 AM IST
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कुत्तों से नींद खराब हुई तो पेइंग वार्ड में शिफ्ट हुए,  लालू ने 2 साल में 7 लाख दिए; बंगले में ऐसे हैं 'ठाठ'

रिम्स में भर्ती लालू को लेकर आरोप लगाया जा रहा है कि यहां लगातार उनका दरबार सज रहा है। जेल मैनुअल का हवाला देते हुए उन्हें फिर से जेल ट्रांसफर करने की मांग भी हो रही है। बिहार चुनाव के लिए रिम्स में भीड़ लगने और नेताओं से सिलसिलेवार मुलाक़ात के बाद यह विवाद तूल पकड़ चुका है। आरोप लगाए जा रहे हैं कि झारखंड में राजनीतिक सहयोगी झामुमो की हेमंत सोरेन सरकार की वजह से लालू को ये सुविधाएं मिल रही हैं। 

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बताते चलें कि रिम्स में भर्ती लालू यादव चारा घोटाला केस में सजायाफ्ता हैं। फिलहाल वो केली बंगले में हैं। इससे पहले उन्हें रिम्स के 14 फीट लंबे और चौड़े कमरे में रखा गया था। ये पेइंग वार्ड था। हालांकि 2018 में जब लालू के होटवार जेल से लाया गया था तब उन्हें कार्डियोलॉजी विभाग में रखा गया था। (फाइल फोटो)

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लेकिन कार्डियोलॉजी विभाग में लालू को नींद नहीं आती थी। रात-रातभर कुत्तों के भोंकने से परेशान लालू यादव ने उन्हें वह से पेइंग वार्ड में शिफ्ट करने की मांग की। प्रशासन ने उनकी मांग मान ली और वो वार्ड में शिफ्ट कर दिए गए जहां उन्हें हर दिन का किराया देना होता था। एक दिन का किराया 1000 रुपये हैं। (फाइल फोटो)

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लोकल रिपोर्ट्स की मानें तो पेइंग वार्ड के किराए के रूप में लालू यादव ने 2 साल में करीब 7 लाख रुपये चुकाए हैं। रिम्स में भर्ती लालू अब तक एकमात्र ऐसे मरीज हैं जिन्होंने पेइंग वार्ड में रहने के दौरान सात लाख रुपये दिया है। (फाइल फोटो)

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कोरोना के बाद संक्रमण के खतरे से बचने के लिए उन्हें पिछले महीने ही पेइंग वार्ड से केली बंगले में शिफ्ट किया गया। यहां पेइंग वार्ड से भी ज्यादा सुविधाएं हैं। लालू को यहां रहते हुए एक महीने से ज्यादा का समय हो गया है। लेकिन उनकी ओर से अबतक रिम्स मैनेजमेंट को किसी तरह का पेमेंट करने की खबर नहीं है। (फाइल फोटो)

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जागरण रांची की रिपोर्ट के रिपोर्ट के मुताबिक रिम्स मैनेजमेंट ने भी अब तक बंगले में रहने के लिए किसी तरह का किराया लेने को लेकर कोई कदम नहीं उठाया है। हालांकि इसके नियम हैं और उम्मीद जताई जा रही है कि लालू को यहां रहने का किराया पेमेंट करना होगा। केली बंगला पेइंग वार्ड के मुक़ाबले काफी लंबा चौड़ा है। (फाइल फोटो)

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केली बंगला तीन एकड़ में बना है। इसमें में चार बड़े-बड़े कमरों के साथ वाशरूम, डाइनिंग हॉल, ड्रॉइंग रूम, बरामदा, गैरेज और नौकरों के रहने का कमरा है। बंगले के अहाते में साफ-सुथरा हरा-भरा लॉन भी है। बंगले में चार सरवेंट भी काम करते हैं। इन्हें रिम्स मैनेजमेंट भुगतान करता है। (फाइल फोटो)

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पिछले दिनों इसी बंगले की तस्वीर सामने आई थी। टिकट के दावेदार यहां पहुंच कर लालू से मिलते थे और अपना बायोडाटा देते थे। मिलने वालों में लालू के परिवार के लोग, नेता, अफसर और अभिनेता भी शामिल रहे। यह भी बताया गया कि लालू के पास ढाई सौ से ज्यादा बायोडाटा जमा हो गए। (फाइल फोटो)
 

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हालांकि मामले के तूल पकड़ने के बाद प्रशासन ने यहां सुरक्षा की व्यवस्था चाक चौबन्द कर दी है। कोरोना गाइडलाइन लागू की गई है। तीन मजिस्ट्रेट 8-8 घंटे की शिफ्ट में यहां निगरानी करते हैं। ताकि कोई नियमों का उल्लंघन कर लालू से मिल नहीं पाए। वैसे ये मामला राजनीतिक रूप से काफी विवादों में आ चुका है। (फाइल फोटो)

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