लालू के गढ़ में ही भांजे तेजस्वी की राह का रोड़ा बने हैं राबड़ी के भाई साधु यादव, इस पार्टी से लड़ रहे चुनाव

गोपालगंज/पटना।  15 साल पहले बिहार में लालू यादव और राबड़ी देवी के बाद लालू के साले साधु यादव की जबरदस्त धाक थी। धाक भी ऐसी-वैसी नहीं। सीएम के बाद बिहार में सत्ता का सबसे ताकतवर चेहरा साधु यादव थे। बहन-जीजा की वजह से साधु विधानपरिषद और विधानसभा पहुंचे। लालू के गृह जिले गोपालगंज से लोकसभा भी पहुंचे। दबंग छवि की वजह से उनकी गिनती बाहुबलियों में होने लगी थी। लेकिन किन्हीं वजहों से लालू परिवार के साथ मतभेद के बाद साधु यादव की राजनीतिक जमीन खत्म हो गई और वो तब से एक चुनावी जीत का इंतजार कर रहे हैं। 

Asianet News Hindi | Published : Oct 31, 2020 1:20 PM IST

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लालू के गढ़ में ही भांजे तेजस्वी की राह का रोड़ा बने हैं राबड़ी के भाई साधु यादव, इस पार्टी से लड़ रहे चुनाव

आरजेडी से अलग होने के बाद साधु ने अब तक कई बार अलग-अलग पार्टियों से लोकसभा और विधानसभा का चुनाव लड़ा, मगर शायद लालू का साथ छूटने के बाद साधु यादव की किस्मत ही उनसे रूठ गई है। साधु यादव का पूरा नाम अनिरुद्ध प्रसाद यादव है। इस बार वो गोपालगंज जिले में तेजस्वी यादव की राह का रोड़ा बने हैं। साधु गोपालगंज विधानसभा सीट पर बसपा के टिकट पर मैदान में हैं। वो आरजेडी विधायक के रूप में इस सीट का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। 

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बताते चलें कि तेजस्वी महागठबंधन का सीएम फेस हैं। आरजेडी के लिए बिहार में एक -एक विधानसभा सीट महत्वपूर्ण है। लेकिन साधु गोपालगंज में आरजेडी के अभियान का रोड़ा बनकर तेजस्वी को नुकसान पहुंचा रहे हैं। अब साधु विधानसभा का चुनाव जीतेंगे या नहीं इस बारे में कुछ भी दावा नहीं किया जा सकता, मगर एक बात तय है कि चुनाव में उनके होने से महागठबंधन को यहां परेशानी उठानी पड़ सकती है। 

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आरजेडी से अलग होने के बाद साधु का लालू परिवार से रिश्ता बेहद खराब हो चुका है। रिश्ते किस हद तक खराब हैं इसका अंदाजा इस बात से भी लगा सकते हैं साधु ने बहन राबड़ी देवी के खिलाफ सारण लोकसभा सीट पर चुनाव लड़ा। वो चुनाव राबड़ी हार गई थीं। 

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लालू राज में साधु पर दबंगई, व्यापारियों को परेशान करने जैसे आरोप लगते रहे हैं। अपराधियों को राजनीतिक प्रश्रय भी देने का आरोप उनपर लग चुका है। 2003 में प्रकाश झा ने अजय देवगन की मुख्य भूमिका से सजी और सच्ची घटना पर आधारित "गंगाजल" का निर्माण किया था। फिल्म का बैकड्रॉप बिहार और वहां के राजनीतिक किरदार थे। फिल्म में खलनायक का नाम साधु यादव था।

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लालू के साले ने इसे लेकर तब खूब बवाल मचाया था। साधु के समर्थकों ने अपने नेता की छवि धूमिल करने का आरोप लगाते हुए उन सिनेमा घरों पर खूब बवाल काटा जहां गंगाजल दिखाने की तैयारी थी। तोड़फोड़ की घटनाएं भी सामने आईं। मामला कोर्ट तक पहुंचा। हालांकि प्रकाश झा ने सफाई दी साधु यादव सिर्फ एक चरित्र भर है। इसका आरजेडी नेता से कोई लेनदेना नहीं। 

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