Published : Aug 12, 2020, 12:52 PM ISTUpdated : Aug 12, 2020, 01:41 PM IST
पटना (Bihar) । बिहार एक बार फिर बाढ़ की चपेट में है। इस बार बाढ़ 16 जिलों में है। वहीं, मरने वालों की संख्या 24 तक पहुंच गई है। आपदा प्रबंधन विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक, 16 जिलों में 62,000 से ज्यादा लोगों के प्रभावित क्षेत्रों में पानी घुस गया, जिससे बाढ़ पीड़ितों की संख्या 75 लाख से अधिक हो गई। सालों से चली आ रही इस समस्या पर सरकार के तमाम दावों के बावजूद हालात वैसे ही हैं, जैसे हर साल रहते हैं। बात अगर 1979 से अब तक की करें तो बिहार हर साल बाढ़ से जूझ रहा है। बिहार सरकार के जल संसाधन विभाग के मुताबिक राज्य का 68,800 वर्ग किमी हर साल बाढ़ में डूब जाता है। आइए जानते हैं कि बिहार हर साल बाढ़ में क्यों डूब जाता है। साथ ही आज हम आपको सबसे ज्यादा खतरनाक साबित हुए 10 बाढ़ के बारे में बता रहे हैं।
बाढ़ का सबसे बुरा असर 1987 में देखने को मिला को मिला। 1987 में आई बाढ़ में 30 जिलों के 24518 गांव प्रभावित हुए थे। 1399 लोगों की मौत हुई. 678 करोड़ रुपए की फसलें तबाह हुईं।
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2000 में 33 जिलों में रहा बाढ़ का असर। 12 हजार से अधिक गांव बाढ़ की चपेट में रहे। 336 लोगों की जान गई। 83 करोड़ की फसलें तबाह हुईं थी।
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2002 में बाढ़ का असर 25 जिलों में था। 489 लोगों की मौत हुई और 511 करोड़ से ज्यादा की फसलें तबाह हुईं। 8,318 गांव जलमग्न रहे।
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2004 में 20 जिलों के 9,346 गांवों में बाढ़ का असर था। 2 करोड़ से ज्यादा लोग प्रभावित हुए। 885 लोगों की मौत हुई। 522 करोड़ की फसलों का नुकसान हुआ।.
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2007 में 22 जिलों में बाढ़ ने तबाही मचाई थी। इस दौरान 1287 लोगों की जान चली गई थी। 2.4 करोड़ लोग प्रभावित हुए। संयुक्त राष्ट्र ने इसे बिहार के इतिहास की सबसे खराब बाढ़ कहा था।
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2008 में 18 जिले बाढ़ की चपेट में थे। 50 लाख लोग प्रभावित हुए थे और 258 लोगों की मौत हुई थी। 34 करोड़ की फसलें खराब हुई।
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2011 में बाढ़ का असर 25 जिलों में था। 71.43 लाख लोगों के जनजीवन पर असर पड़ा। 249 लोगों की जान गई।
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2013 को जुलाई में आई बाढ़ से 200 लोग मारे गए थे। बाढ़ का असर 20 जिलों में था। करीब 50 लाख लोगों के प्रभावित हुए।
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2016 में 12 जिले बुरी तरह बाढ़ की चपेट में रहे। 23 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित रहे। 250 से ज्यादा लोगों की मौत हुई।
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इस बार 16 जिलों में बाढ़ है। अब तक मरने वालों की संख्या 24 तक पहुंच गई है। आपदा प्रबंधन विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक, 16 जिलों में 62,000 से ज्यादा लोगों के प्रभावित क्षेत्रों में पानी घुस गया, जिससे बाढ़ पीड़ितों की संख्या 75 लाख से अधिक हो गई।