बिहार में लौटा लालू-नीतीश दौर: जय-वीरू जैसी है दोनों की दोस्ती...देखिए कब-कब बनते और बिगड़ते रहे रिश्ते

पटना ( बिहार): बिहार में राजनीतिक भूचाल आने के बाद फिर से दो पुराने दोस्त मिलने जा रहे हैं। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के भाजपा के साथ गठबंधन तोड़ने के बाद यह तय हो गया है कि बिहार में अब महागठबंधन की सरकार बनेगी। महागठबंधन में लालू यादव की पार्टी राजद भी शामिल है। नई सरकार बनने से नीतीश कुमार और लालू यादव फिर से एक होने जा रहे हैं। दोनों की दोस्ती काफी पुरानी रही है। दोनों को जय-वीरू की दोस्ती कहा जाता है। जानिए कैसे सालों पुराने दोनों दोस्तों की बिहार की राजनीति में हुई थी एंट्री...

Asianet News Hindi | Published : Aug 9, 2022 11:23 AM IST

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 बिहार में लौटा लालू-नीतीश दौर: जय-वीरू जैसी है दोनों की दोस्ती...देखिए कब-कब बनते और बिगड़ते रहे रिश्ते

बता दें कि नीतीश कुमार और लालू यादव ने कॉलेज के दिनों से एक साथ राजनीति शुरु की थी। दोनों अच्छे दोस्त भी रहे हैं। नीतीश कुमार और लालू यादव कॉलेज के दिनों में जयप्रकाश नारायण के नेतृत्व में चलने वाले कांग्रेस विरोधी आंदोलन में शामिल रहे थे।  लेकिन बाद में दोनों कई बार अलग हुए तो है बार एक। अब फिर से दोनों दोस्त एक होने जा रहे हैं। लालू यादव नीतीश कुमार से 3 साल बड़े हैं। 

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1977 में नीतीश कुमार ने विधानसभा और लालू यादव ने लोकसभा के लिए जनता दल की टिकट से पहली बार चुनाव लड़ा था। लालू प्रसाद चुनाव जीतकर सांसद बन गए थे जबकि नीतीश कुमार की हार हुई थी। नीतीश कुमार दोबारा चुनाव लड़े और फिर उनकी हार हुई। जबकि 1980 में लालू यादव भी लोकसभा चुनाव हार गए। लेकिन विधान सभा चुनाव वे जीत गए। 

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नीतीश कुमार 1985 में फिर से चुनाव लड़ा जिसमें उनकी जीत हुई। फिर लालू यादव और नीतीश कुमार एक साथ विधानसभा पहुंचे। लेकिन तब तक लालू यादव एक बड़े नेता के रुप मे उभर चुके थे। 

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1990 में जनता दल ने बिहार में विधानसभा चुनाव में बहुमत हासिल किया और सरकार बनाई। लालू प्रसाद यादव मुख्यमंत्री बने। जबकि नीतीश कुमार उनके दाहिने हाथ। 1994 में नीतीश कुमार जनता दल से अलग हो गए और अपनी पार्टी बना ली। नीतीश कुमार भ्रस्टाचार के मुद्दे पर लालू यादव से अलग हुए थे। भाजपा के साथ गठबंधन कर लिया। 1999 में केंद्र में भाजपा की सरकार बनी तो नीतीश कुमार केंद्रीय मंत्री बनें। जिसके बाद से लालू और नीतीश राजनीति में एक कद पर आ गए। नीतीश कुमार 2005 में बिहार के मुख्यमंत्री बने। 
 

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वर्ष 2015 के विधानसभा चुनाव में नीतीश कुमार और लालू यादव फिर से एक साथ हो गए। महागठबंधन की पार्टी ने बिहार में अपनी सरकार बना ली। नीतीश कुमार पांचवीं बार मुख्यमंत्री बने तो लालू यादव ने अपने बेटे तेजस्वी यादव को डिप्टी सीएम बनाया। लेकिन 2 साल बाद ही 2017 में महागठबंधन में दरार पड़ गई। नीतीश कुमार ने राजद से गठबंधन तोड़ लिया। भाजपा के साथ गठबंधन कर फिर से सीएम बन गए। नीतीश कुमार और लालू यादव फिर से अलग हो गए। लेकिन 2 साल बाद लालू यादव और नीतीश कुमार फिर से एक होने जा रहे हैं। भाजपा से टकरार के बाद नीतीश कुमार राजद के साथ मिलकर फिर से अपनी सरकार बनाने जा रहे है। लालू यादव और नीतीश कुमार कुमार फिर से एक हो रहे हैं।

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