सुशांत सिंह राजपूत जब कभी अपने गांव या पटना जाते थे तो अपने बचपन के दोस्तों से जरुर मिलते थे। जब उनके दोस्त रवि प्रकाश को इस बात की जानकारी लगी तो वह बेसुध हो गए। उनका कहना है कि हम को यकीन नहीं हो पा रहा है कि सुशांत ऐसा नहीं कर सकता है। वह हमसे अक्सर पॉजिटिव बातें करता था, कुछ महीने पहले जब वो पटना आया था तो हमने उसके साथ क्रिकेट भी खेला था। वह अक्सर हंसता-मुस्कुराता रहात था, वो ऐसा कर लेगा कभी सोचा नहीं था।