100 हत्या के बाद संख्या गिनना छोड़ दिया था ये डॉक्टर, ऐसे बना था सीरियल किलर

पटना (Bihar) । दिल्ली में गिरफ्तार हुआ डॉ देवेंद्र शर्मा से पुलिस ने कई राज सामने आए हैं। वह गुरुग्राम किडनी कांड में शामिल था और बिहार के सिवान से बीएएमएस की डिग्री हासिल की थी। 100 कत्ल के बाद हत्या करने की गिनती करना छोड़ दिया था। पुलिस के मुताबिक साल 2002 से 2004 के बीच दिल्ली, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और राजस्थान में 100 से अधिक टैक्सी चालकों की हत्या किया है। बताया जाता है कि काम को अंजाम देने के बाद डॉ शर्मा अलीगढ़ मंडल के जिला कासगंज के हजारा कैनाल में शवों को फेंक देता था। जहां मगरमच्छ शवों को खा जाते थे। चिकित्सक की इस हरकत से पत्नी और बच्चे परेशान होकर उसे साल 2004 में ही छोड़ कर अलग हो गए थे। 

Asianet News Hindi | Published : Jul 30, 2020 1:36 PM IST / Updated: Jul 30 2020, 07:08 PM IST
17
100 हत्या के बाद संख्या गिनना छोड़ दिया था ये डॉक्टर, ऐसे बना था सीरियल किलर


अलीगढ़ के छर्रा थाना क्षेत्र के पुरैनी गांव निवासी देवेंद्र शर्मा बिहार के सीवान से बीएएमएस (बैचलर ऑफ आयुर्वेद मेडिसिन एंड सर्जरी) की डिग्री हासिल की थी। गुरुग्राम किडनी कांड में दोषी पाए जाने पर उम्र कैद की सजा मिली थी। पेरोल पर बाहर आने के बाद पुलिस से बचने के लिए दिल्ली में एक विधवा से शादी कर प्रॉपर्टी डीलिंग का काम करने लगा।

27


सीरियल किलिंग और हत्या के एक मामले में उम्रकैद का सजायाफ्ता डॉ. देवेंद्र शर्मा जयपुर की सेंट्रल जेल से जनवरी में 20 दिन के पेरोल पर बाहर आया था। इसके बाद वह फरार हो गया था। जानकारी मिली कि वह दिल्ली में छिपा है। इसके बाद उसे दिल्ली के बपरोला की गली नंबर-10 के एक मकान से गिरफ्तार कर लिया गया है।
 

37


 डॉ देवेंद्र शर्मा ने पूछताछ में खुलासा किया था कि सीवान से बीएएमएस में स्नातक की डिग्री हासिल करने के बाद 1984 से 1995 तक जयपुर के बांदीकुई में जनता अस्पताल और डायग्नोस्टिक्स के नाम से क्लिनिक खोलकर काम करता रहा।
 

47


साल 1982 में शादी की और 1994 में थापर चैंबर में भारत फ्यूल कंपनी के कार्यालय ने गैस डीलरशिप देने की योजना चलाई, उसने इसमें 11 लाख रुपये का निवेश किया था। लेकिन, कंपनी के अचानक गायब होने से उसका सारा पैसा डूब गया।
 

57


1994 में भारी नुकसान के बाद वह जयपुर, बल्लभगढ़, गुरुग्राम और अन्य जगह चल रहे अंतरराज्यीय किडनी प्रत्यारोपण गिरोह में शामिल हो गया। उसे गुरुग्राम में डॉ अमित द्वारा संचालित अनमोल नर्सिंग होम में किडनी रैकेट मामले में वर्ष 2004 में गिरफ्तार किया गया।
 

67


साल 1994 से 2004 तक वह अवैध रूप से किए गए 125 से अधिक किडनी प्रत्यारोपण के लिए उसने किडनी देनेवाले लोगों की व्यवस्था की। एक प्रत्यारोपण के लिए उसे 5-7 लाख रुपए मिलते थे। इसी बीच वह जयपुर गया। (प्रतीकात्मक फोटो)

77


2003 तक अपना क्लीनिक चलाता रहा। इस दौरान उन लोग के संपर्क में आया, जो अलीगढ़ जाने के लिए टैक्सी किराए पर लेते और फिर चालक की हत्या कर टैक्सी लूट लेते थे। वे कासगंज के हजारा नहर में शव को फेंकते थे, जिसमें मगरमच्छ होते हैं, इसलिए किसी का भी शव नहीं मिलता था। लूटी हुई टैक्सी को कासगंज और मेरठ में 20-25 हजार रुपये में बेचता था।
 

Share this Photo Gallery
click me!

Latest Videos

Recommended Photos