कहां से निकले पानी, 'आउट ऑफ कंट्रोल' हुआ अंडरग्राउंड ड्रेनेज सिस्टम
पटना. हफ्तेभर से ज्यादा समय होने के बावजूद पटना शहर बाढ़ में डूबा हुआ है। आखिर पानी शहर से क्यों नहीं निकलता? लोग परेशान हैं। दरअसल, अव्यवस्थित प्लानिंग का नतीजा है कि नगर निगम को पता ही नहीं हैं कि शहर में अंडरग्राउंड ड्रेनेज पाइप लाइनें कहां-कहां से निकली हैं, किधर-किधर को जाती हैं? उल्लेखनीय है कि पटना सहित कुछ अन्य इलाकों में 27 से 30 सितंबर के बीच यहां मूसलाधार बारिश हुई थी। बिहार के 15 जिले बाढ़ में फंसे हुए हैं। हालांकि कई जगहों पर स्थितियां अब काबू में हैं, लेकिन पटना की हालत अब भी पानी-पानी है। पूरे शहर का जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। अगर पूरे राज्य की बात करें, तो अब तक अधिकृत तौर पर 73 लोगों की मौत की खबर है।
Asianet News Hindi | Published : Oct 5, 2019 5:58 AM IST / Updated: Oct 05 2019, 12:20 PM IST
पटना सहित राज्य के तमाम बाढ़ग्रस्त इलाकों में जिला प्रशासन, NDRF और SDRF संयुक्त रूप से रेस्क्यू ऑपरेशन चला रही है। लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया जा रहा है। फंसे हुए लोगों तक दवाइयां, खाना और पीने का पानी पहुंचाया जा रहा है। अगर पटना की बात करें, तो यहां के कंकर बाग, राजेंद्र नगर और पाटलिपुत्र इलाके पूरी तरह बाढ़ में डूबे हुए हैं। पानी को बाहर निकालने छत्तीसगढ़ से अधिक क्षमता वाले पंप बुलवाए गए हैं। हालांकि अब भी शहर डूबा हुआ है।
इस बीच केंद्र सरकार ने बिहार को 400 करोड़ रुपए की आर्थिक सहायता मंजूर की है। यह मदद नेशनल डिजास्टर रेस्पॉन्स फंड से दी जा रही है। केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि इस बार बारिश और बाढ़ से करीब 1,900 लोगों की मौत हुई है। बिहार सहित 22 राज्यों में 25 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं।
बिहार में पटना के हालत बहुत खराब हैं। यहां 102 साल बाद ऐसी बारिश हुई है। हालांकि लोगों को उम्मीद नहीं थी कि पटना जैसा शहर भी बाढ़ में डूब सकता है। शहर के पॉश इलाके हफ्तेभर से बाढ़ में डूबे हुए हैं। पानी बाहर नहीं निकल पा रहा है, क्योंकि नगर निगम को अंडग्राउंड ड्रेनेज सिस्टम के नक्शे नहीं मिल रहे। इसलिए अफसरों को समझ ही नहीं आ रहा कि पानी को बाहर कैसे निकाला जाए।
बाढ़ के चलते ट्रेनों का संचालन भी प्रभावित हुआ है। पटना जिले के परसा बाजार में पटरी तक बाढ़ में डूब गई हैं। बिहार शरीफ में वना के मध्य भी ब्रिज पानी में डूबा हुआ है। पुनपुन नदी का रौद्र रूप देखकर ट्रेनें रोकी गई हैं।
बाढ़ से प्रभावित लोगों के रेस्क्यू के लिए एनडीआरएफ की 14 जिलों में 19 टीमें तैनात हैं। अकेले पटना में 25 हजार से ज्यादा लोगों का रेस्क्यू किया गया है।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतिश कुमार कहते हैं कि राज्य में जलवायु परिवर्तन के कारण सूखा पड़ा था। सरकार लोगों के लिए राहत कार्य चला रही थी, इसी बीच भारी बारिश से बाढ़ आ गई।
बाढ़ के चलते कई लोग घरों में फंसे हुए हैं। घर के निचले तल डूबे हुए हैं। लोगों को पानी उतरने का इंतजार है।
जिन लोगों के घर बहुमंजिला हैं, वे ऊपरी मंजिल पर शरण लिए हुए हैं। उन तक राहत पहुंचाने के लिए रेस्क्यू टीम लगातार काम कर रही है।