भागलपुर मेडिकल कालेज में बड़ी लापरवाही, बिजली कटने से बंद हुआ वेंटिलेटर; तड़प कर महिला की मौत

भागलपुर(Bihar). बिहार के भागलपुर स्थित जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के सह अस्पताल के गायनी आईसीयू में भर्ती एक महिला ने शुक्रवार रात तड़पकर दम तोड़ दिया। वजह ये रही कि अस्पताल में बिजली गुल होने के बाद वेंटिलेटर ने काम करना बंद कर दिया। जिसके बाद ऑक्सीजन के अभाव में महिला की मौत हो गई। बताया जा रहा है कि गंभीर हालत के चलते महिला को आईसीयू में भर्ती कराया गया था जहां उसकी हालत में धीरे-धीरे सुधार हो रहा था।

Asianet News Hindi | Published : Jul 18, 2020 9:16 AM IST

15
भागलपुर मेडिकल कालेज में बड़ी लापरवाही, बिजली कटने से बंद हुआ वेंटिलेटर; तड़प कर महिला की मौत

दरअसल, महिला की सांसें वेंटिलेटर के सहारे चल रही थीं। लेकिन अचानक बिजली गुल हो गई। जेनरेटर ने भी काम करना बंद कर दिया। हद तो तब हो गई जब वेंटिलेटर में लगी बैट्री ने भी ऐन वक्त पर धोखा दे दिया। नतीजा ये रहा कि बिजली गुल होने के बाद आईसीयू में भर्ती महिला को ऑक्सीजन मिलना बंद हो गया। जिसके बाद आक्सीजन के अभाव में महिला ने तड़प कर दम तोड़ दिया। 

25

बता दें कि बूढ़ानाथ निवासी चंद्रशेखर प्रसाद की 55 वर्षीय पत्नी निर्मला देवी को शुक्रवार सुबह नौ बजे मायागंज अस्पताल के इमरजेंसी में भर्ती कराया गया था। डॉक्टरों ने गंभीर बीमारी को देखते हुए तत्काल गायनी आईसीयू में शिफ्ट कर दिया। आईसीयू में तैनात एनेस्थिस्स्टि ने मरीज को सी-पैप वेंटिलेटर पर डाल दिया। इसके बाद मरीज की सेहत में सुधार होने लगा।

35

रात करीब 8:55 बजे अचानक गायनी आईसीयू की बिजली गुल हो गई। बिजली कटते ही दो से तीन मिनट के बाद वेंटिलेटर ने भी काम करना बंद कर दिया। परिजन मरीज को दूसरे बेड पर लगे वेंटिलेटर तक ले गए। इसमें थोड़ा समय लगा। जब तक वेंटिलेटर काम करना शुरू करता तब तक रात करीब 9:05 बजे मरीज की मौत हो गई। जांच में पता चला कि वेंटिलेटर की बैट्री भी खराब थी। नहीं तो जनरेटर से बिजली आपूर्ति नहीं होने के बावजूद मरीज को वेंटिलेटर का सहारा मिला होता।

45

जब बिजली कटी तो उस वक्त बिजली आपूर्ति करने वाली आउटसोर्सिंग एजेंसी का सुरक्षा गार्ड गायब था। परिजनों के ढूंढने पर भी वह नहीं मिला। यहां तक कि आईसीयू में भर्ती मरीजों की निगरानी की जिम्मेदारी आईसीयू में तैनात नर्स की थी, लेकिन 10 मिनट तक बिजली कटी रही। ऑक्सीजन के अभाव में महिला मरीज तड़पती रही। इस दौरान आईसीयू में तैनात एक भी नर्स नहीं थी। आईसीयू में 24 घंटे चिकित्सक की तैनाती का दावा अस्पताल प्रशासन द्वारा किया जाता है, लेकिन इस दौरान डॉक्टर भी गायब थे।

55

इस मामले में मेडिकल कॉलेज के प्रभारी अधीक्षक डॉ. गौरव कुमार का कहना है कि वेंटिलेटर को अगर बिजली आपूर्ति नहीं थी, फिर भी वेंटिलेटर में लगी बैटरी के बूते चलना चाहिए था। पहली नजर में बिजली आपूर्ति करने वाली आउटसोर्सिंग एजेंसी, गार्ड, आईसीयू में तैनात नर्स व डॉक्टर की लापरवाही लग रही है। इस मामले की जांच कराई जाएगी।दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

Share this Photo Gallery
click me!
Recommended Photos