राम विलास पासवान को मिला मरणोपरांत पद्मभूषण,उनके नाम है ये अनूठा रिकॉर्ड..पापा की याद में भावुक हुए चिराग

पटना ( Bihar) । लोजपा के संस्थापक और पूर्व केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान को मरणोपरांत पद्मभूषण से सम्मानित किया गया है। यह पुरस्कार उन्हें 51 साल के बेदाग राजनैतिक जीवन के लिए दिया गया। वहीं, उनके बेटे लोजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान भावुक हैं। उन्होंने ट्वीट में लिखा है कि आदरणीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी, पापा की अंतिम सांस तक उनके साथ खड़े थे। पापा के जाने के बाद भी प्रधानमंत्री जी ने पापा को हमेशा सम्मान दिया। पद्मभूषण पुरस्कार के लिए मेरे परिवार और लोक जनशक्ति पार्टी की तरफ से प्रधानमंत्री जी का हृदय से आभार। ऐसे में हम आपको उनके बारे में बता रहे हैं। 

Asianet News Hindi | Published : Jan 26, 2021 10:08 AM IST
16
राम विलास पासवान को मिला मरणोपरांत पद्मभूषण,उनके नाम है ये अनूठा रिकॉर्ड..पापा की याद में भावुक हुए चिराग

खगड़िया में एक दलित परिवार में जन्मे रामविलास पासवान ने एमए और एलएलबी करने के बाद ही प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी की। उनका चयन डीएसपी के पद पर भी हो गया था। इसी समय वो समाजवादी नेता राम सजीवन के संपर्क में आए और राजनीति का रुख कर लिया। वो जयप्रकाश नारायण के समाजवादी आंदोलन से भी जुडे़।
 

26

बताते हैं कि घर से आए अनाज के कुछ हिस्से को सामने के दुकानदार के पास बेचकर फिल्म का शौक भी पूरा करते थे। लेकिन, पढ़ाई से समझौता नहीं करते थे। वे डीएसपी की परीक्षा में पास भी हो गए थे। लेकिन, किस्मत को कुछ और ही मंजूर था।
 

36

साल 1969 उनके गृह जिला खगड़िया के अलौली विधानसभा क्षेत्र में उपचुनाव होना था और वह घर जाने की बजाय सीधे टिकट मांगने सोशलिस्ट पार्टी के दफ्तर में पहुंच गए। उस समय कांग्रेस के खिलाफ लड़ने के लिए कम ही लोग तैयार हुआ करते थे। सो टिकट मिल भी गया और वे जीत भी गए। इसके बाद पासवान ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। 
 

46

साल 1977 में वह जनता पार्टी के टिकट पर हाजीपुर से लोकसभा का चुनाव लड़े और सबसे अधिक 4.24 लाख वोटों के अंतर से चुनाव जीतने का विश्व रिकॉर्ड बना लिया। 1989 में इसी सीट से अपना ही रिकॉर्ड तोड़ नया कीर्तिमान बनाया। बाद में उनका ये रिकॉर्ड भी नरसिम्हा राव समेत दूसरे नेताओं ने तोड़ा। हालांकि, चुनावी जीत का रिकॉर्ड कायम करने वाले पासवान उसी हाजीपुर से 1984 में हारे भी थे। 

56

राम विलास पासवान ने साल 2000 में लोक जनशक्ति पार्टी का गठन किया। इसके पहले दलितों की राजनीति करने वाले पासवान ने 1981 में दलित सेना संगठन की भी स्थापना की थी। साल 2009 में भी उन्हें रामसुंदर दास जैसे बुज़ुर्ग समाजवादी ने यहां पर हराया था। 

66

16वीं लोकसभा में उन्होंने हाजीपुर से चुनाव जीता और संसद पहुंचे। हालांकि, 17वीं लोकसभा का चुनाव उन्होंने नहीं लड़ा, बल्कि राज्यसभा से संसद पहुंचे। वो वीपी सिंह, एचडी देवेगौड़ा, इंद्रकुमार गुजराल, अटल बिहारी वाजपेयी, मनमोहन सिंह और नरेंद्र मोदी के केंद्रीय मंत्रीमंडल में शामिल रहे।

Share this Photo Gallery
click me!

Latest Videos

Recommended Photos