दीक्षा ने बताया कि उसकी इस सफलता में माता-पिता, बहन, दोस्त और शिक्षक सभी का योगदान रहा है। उन्होंने बताया कि माता-पिता दोनों ने ही वकालत की पढ़ाई की थी, इसलिए वकालत पढ़ने की इच्छा थी। ऐसे दौर में जब बेटियों पर तमाम पाबंदियां लगाई जाती हैं, एक छोटे से जिले से आने के बाद भी मेरे परिवार ने मुझे पढने की पूरी छूट दी।