कहा जाता है कि गुरु दत्त की हर फिल्म में वहीदा रहमान हीरोइन होती थी और गीता आवाज बनकर सिमट गईं। घर में बढ़ते तनाव को देखते हुए गुरु दत्त 1956-57 में कलकत्ता में ‘गौरी’ नाम की फिल्म बनानी शुरू की। जिसमें गीता को एक्ट्रेस लिया। गीता जब मेकअप कराती तो गुरुदत्त कहते कि इस फिल्म के किरदार के मुताबिक तुम्हें साधारण दिखना है। लेकिन गीता ने गुस्से में आकर कहा, ‘तुम क्या चाहते हो….यही न कि मैं वहीदा रहमान से बदतर लगूं?’टकराव की वजह से फिल्म को बीच में ही रोक देना पड़ा।