1 जनवरी से बदल जाएगा चेक से पेमेंट करने का नियम, जानें इससे जुड़ी हर बात

Published : Dec 15, 2020, 10:58 AM IST

बिजनेस डेस्क। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने चेक से पेमेंट करने के लिए पॉजिटिव पे सिस्टम (Positive Pay System) लागू करने का फैसला किया है। इस नए नियम के तहत 50,000 रुपए से ज्यादा के पेमेंट पर जरूरी डिटेल्स को फिर से कन्फर्म करना होगा। चेक से पेमेंट करने का यह नया नियम 1 जनवरी 2021 से लागू हो जाएगा। रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर ने इसी साल अगस्त महीने में मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) की मीटिंग में इसके बारे में बताया था। रिजर्व बैंक ने सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए पॉजिटिव पे सिस्टम लागू करने का फैसला किया है। (फाइल फोटो)  

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1 जनवरी से बदल जाएगा चेक से पेमेंट करने का नियम, जानें इससे जुड़ी हर बात
पॉजिटिव पे सिस्टम (Positive Pay System) एक आटोमेटेड फ्रॉड डिटेक्शन टूल है। इसे लाने के पीछे रिजर्व बैंक (RBI) का मकसद चेक के गलत इस्तेमाल को रोकना है। माना जा रहा है कि इस सिस्टम से फर्जी चेक के जरिए होने वाले फ्रॉड को कम किया जा सकेगा। (फाइल फोटो)
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इस नए सिस्टम के तहत कोई भी जब चेक जारी करेगा, तो उसे अपने बैंक को पूरा डिटेल देना होगा। इसमें चेक जारी करने वाले को एसएमएस, इंटरनेट बैंकिंग, एटीएम या मोबाइल बैंकिंग के जरिए इलेक्ट्रॉनिकली चेक की डेट, बेनेफिशियरी का नाम, अकाउंट नंबर, कुल अमाउंट और दूसरी जरूरी जानकारी बैंक को देनी होगी। इस सिस्टम से चेक से पेमेंट जहां सुरक्षित होगा, वहीं क्लियरेंस में भी कम समय लगेगा। (फाइल फोटो)
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नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन आफ इंडिया (NPCI) चेक ट्रंकेशन सिस्टम (CTS) में पॉजिटिव पे फैसिलिटी डेवलप करेगा और बैंकों को यह उपलब्ध कराएगा। यह सिस्टम 50 हजार या इससे ज्यादा अमाउंट के चेक के जरिए पेमेंट पर लागू होगा। चेक ट्रंकेशन सिस्‍टम चेक को क्‍लियर करने की एक प्रक्रिया है। (फाइल फोटो)
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इस प्रॉसेस में जारी किए गए फिजिकल चेक को एक जगह से दूसरी जगह घूमना नहीं पड़ता है। चेक ट्रंकेशन सिस्‍टम चेक के कलेक्‍शन की प्रॉसेस को तेज कर देता है। (फाइल फोटो)
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इस नए सिस्टम में चेक जारी करने वाला व्यक्ति उससे जुड़े जरूरी डिटेल्स एसएमएस, मोबाइल ऐप, इंटरनेट बैंकिंग या एटीएम जैसे इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से उपलब्ध करा सकता है। इसके बाद चेक पेमेंट से पहले इन जानकारियों को क्रॉस-चेक किया जाएगा। (फाइल फोटो)
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इस प्रॉसेस में अगर चेक में कोई गड़बड़ी पाई जाती है, तो बैंक उस चेक को रिजेक्ट कर देंगे। यहां अगर दो बैंक का मामला होगा, यानी जिस बैंक का चेक काटा गया है और जिस बैंक में चेक डाला गया है, तो दोनों बैंकों को इसके बारे में जानकारी दी जाएगी। इससे चेक के जरिए पेमेंट में किसी तरह की कोई गड़बड़ी नहीं हो सकेगी। (फाइल फोटो)

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