PPF में पैसा लगाने पर टैक्स बचाने के साथ मिलता है बेहतर रिटर्न, जानें इसमें कितना मिल रहा है ब्याज
बिजनेस डेस्क। इस फाइनेंशियल ईयर के खत्म होने में कुछ ही दिन बच रहे हैं। ऐसे में, जिन लोगों ने टैक्स बचाने के लिए जरूरी निवेश नहीं किया है, उन्हें अब यह जल्द ही करना होगा। ऐसा नहीं करने पर उन्हें ज्यादा टैक्स देना होगा। टैक्स बचाने और साथ ही बेहतर रिटर्न हासिल करने के लिहाज से पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) बेहतर विकल्प है। इसमें पैसा पूरी तरह सुरक्षित रहता है। अगर आप पोस्ट ऑफिस Post Office) में पीपीएफ अकाउंट खोलते हैं, तो यह ज्यादा सुविधाजनक होगा। पोस्ट ऑफिस की स्कीम्स में जमा राशि पर सरकार सॉवरेन गांरटी (Sovereign Guarantee) देती है। जानें इस स्कीम की डिटेल्स।
(फाइल फोटो)
पीपीएफ (PPF) स्कीम में दूसरी सेविंग्स स्कीम जैसे 5 साल की फिक्स्ड डिपॉजिट (FD), नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट (NSC) और टाइम डिपॉजिट (Time Deposit) स्कीम से ज्यादा ब्याज मिल रहा है। पीपीएफ में इस समय 7.10 फीसदी ब्याज मिल रहा है। इस स्कीम में निवेश करके आप टैक्स तो बचा ही सकते हैं, बेहतर रिटर्न भी हासिल कर सकते हैं। (फाइल फोटो)
पीपीएफ (PPF) में मेच्योरटी पीरियड 15 साल का होता है। इसमें 5 साल का लॉक-इन पीरियड भी होता है। 5 साल के बाद इस अकाउंट से 50 फीसदी राशि निकाली जा सकती है। हालांकि, पूरी रकम 15 साल की अवधि पूरी होने पर ही निकाली जा सकती है। (फाइल फोटो)
पीपीएफ अकाउंट खोलने पर सस्ते लोन की सुविधा भी मिलती है। जिस साल पीपीएफ खाता खुलवाया जाता है, उस वित्त वर्ष की समाप्ति के 1 वित्त वर्ष के बाद से 5वां वित्त वर्ष पूरा होने तक इस अकाउंट पर लोन लिया जा सकता है। अकाउंट में जमा राशि का 25 फीसदी तक कर्ज के तौर पर लिया जा सकता है। इस पर ब्याज दर पीपीएफ पर मिल रहे ब्याज से सिर्फ 1 फीसदी ज्यादा होती है। (फाइल फोटो)
पीपीएफ में किए गए पूरे निवेश पर टैक्स में छूट का लाभ मिलता है। इसके साथ ही इस योजना में निवेश से मिलने वाले ब्याज और निवेश की पूरी राशि पर भी टैक्स नहीं लगता है। पीपीएफ में 1 साल में अधिकतम 1.5 लाख रुपए तक निवेश किया जा सकता है। (फाइल फोटो)
पीपीएफ अकाउंट में जमा राशि को किसी भी कोर्ट के या सरकारी आदेश के जरिए कर्ज या दूसरी लायबिलिटी के लिए जब्त नहीं किया जा सकता है। इस लिहाज से भी यह निवेश के लिए बेहतर ऑप्शन है। (फाइल फोटो)
पीपीएफ अकाउंट किसी पोस्ट ऑफिस या बैंक में खोला जा सकता है। इसे किसी नाबलिग के नाम पर भी खोला जा सकता है। नाबालिग के खाते की देख-रेख उसके अभिभावक को करनी पड़ती है। (फाइल फोटो)