IT कंपनी ने 2 घंटे के नोटिस पर 300 को निकाला बाहर, 1.5 लाख लोगों की नौकरियों पर खतरा!
बिजनेस डेस्क: कोरोना महामारी से देश के जॉब सेक्टर में बुरे हालत पैदा होने संकेत मिल रहे हैं। इस महामारी ने इंसानों की जानें लेने के बाद नौकरी लेना शुरू कर दिया है। इसका ताजा उदहारण पुणे की एक छोटी आईटी कंपनी में देखने को मिला है जहां इसी महीने 6 लोगों से जबरन इस्तीफा ले लिया गया। इस तरह की खबर पूरे भारत से आ रही है जहां छोटी कंपनियों में छटनी शुरू हो चुकी है। कोरोना महामारी से पूरे देश में सारी आर्थिक गतिविधि रुक गईं है। इसके चपेट में कई सारे छोटे उद्योग भी आ रहे हैं जिनके पास कर्मचारियों को देने के लिए पैसे नहीं होंगे।
Asianet News Hindi | Published : Apr 3, 2020 12:56 PM IST / Updated: Apr 03 2020, 06:50 PM IST
इन सब उद्योग में आईटी उद्योग को भी खासा नुकसान हुआ है। कई सारे एचआर एक्सपर्ट्स और इंडस्ट्री के जानकारों के मुताबिक आने वाले 3 से 6 महीनों में आईटी सेक्टर के 1.5 लाख लोगों की नौकरी पर संकट पैदा हो सकता है। हालांकि एक्सपर्ट्स का कहना है कि यह संकट छोटी आईटी कंपनियों में ज्यादा देखने को मिलेगा क्योंकि वे अपने बड़े क्लाइंट्स के ऑर्डर्स पर निर्भर हैं और यदि क्लाइंट पर मंदी का असर होता है तो वे भी सीधे तौर पर प्रभावित होंगी।
आईटी सेक्टर से पूरे देश भर में 50 लाख लोगों को नौकरी मिलती है, जिनमें से 10 से 12 लाख कर्मचारी छोटी कंपनियों से ही जुड़े हैं। आईटी सेक्टर की टॉप 5 कंपनियों में ही अकेले 10 लाख लोग कार्यरत हैं। कोरोना वायरस के संकट के चलते कंपनियों के लिए पहले की तरह अपने बिजनेस को चलाना मुश्किल साबित हो रहा है।
कोरोना वायरस की सबसे ज्यादा मार ट्रैवल और हॉस्पिटैलिटी इंडस्ट्री पर पड़ी है ये इंडस्ट्रीज इस वक्त बहुत बड़े संकट के दौर से गुजर रही है। मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्री भी इस महामारी से थम गई है। यहां तक कि दिग्गज टेक कंपनियों ऐपल और माइक्रोसॉफ्ट ने निवेशकों को चेतावनी देते हुए कहा है कि आगामी तिमाही में उनके नतीजों पर कोरोना संकट का असर दिख सकता है।
इंडस्ट्री के एक एक्सपर्ट ने मनी कंट्रोल से बातचीत करते हुए कहा, ‘कई देशों में लॉकडाउन की स्थिति मई तक बढ़ सकती है। यह अनिश्चितता आने वाले समय में कंपनियों के फैसलों को प्रभावित कर सकती है।’ भले ही स्थितियां भविष्य में खराब होती नजर आ रही हैं, लेकिन ज्यादातर कंपनियों ने फिलहाल कर्मचारियों को बनाए रखने का फैसला लिया है।
गुरुग्राम स्थित ट्रैवल टेक कंपनी Fareportal ने 300 कर्मचारियों की एक साथ ही छुट्टी कर दी। इन लोगों को महज दो घंटे के नोटिस पर ही कंपनी ने निकाल दिया। इस तरह कई छोटी कंपनियों ने छंटनी शुरू की है ताकि लागत में कमी लाई जा सके।
हालांकि, कई बड़ी कंपनियों ने इस मुसीबत के वक्त छटनी से इनकार भी किया है। उदहारण के तौर पर रिलायंस ने अपने उन कर्मचारियों जिनकी महीने की पगार 30,000 से कम है उन्हें मार्च के महीने में दुगनी सैलरी की घोषणा की थी। इसी तरह टाटा ग्रुप ने भी अपने कर्मचारियों को आश्वस्त किया है की वो किसी भी तरह की छटनी नहीं करने वाले हैं।
जॉब मार्केट के कुछ एक्सपर्ट्स की राय में कोरोनावायरस के बाद देश में करीब 1 करोड़ नौकरियों पर खतरा मंडरा रहा है। इसका सबसे बुरा असर पर्यटक क्षेत्र पर पड़ेगा जहां करोड़ों नौकरियां जाने के आसार हैं।
गौरतलब है की देश में कोरोनावायरस से संक्रमितों की संख्या शुक्रवार, तक 2300 का आकड़ा पर कर चुकी है। इस बीमारी से अब तक 56 लोगों की मौत हो चुकी है वहीं 156 लोग इससे ठीक हो चुके हैं।