Corona की वजह से उठा चुके हैं लाखों करोड़ों का नुकसान! अब इस 'प्लान' पर भी मंडरा रहा है खतरा
बिजनेस डेस्क: देश-दुनिया में इस वक्त कोरोनावायरस और सऊदी अरब और रूस के बीच कच्चे तेल की कीमत को लेकर चल रहे प्राइज वॉर के मद्देनजर संकट का माहौल है। इन दोनों समस्या का पूरी दुनिया के व्यापार पर नकारात्मक असर पड़ा है। इससे काफी लोग प्रभावित हुए हैं। इनमें से एक रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी भी हैं। दरअसल, मुकेश अंबानी 2021 तक रिलायंस को इंडिया की सबसे ज्यादा प्रॉफिट कमाने और कर्जमुक्त कंपनी बनाना चाहतें हैं। लेकिन अब इस मुश्किल वक्त को देख कर लगता है की उनका रिलायंस को कर्जमुक्त बनाने का प्लान थोड़ा लेट हो सकता है-
Asianet News Hindi | Published : Mar 29, 2020 4:51 AM IST / Updated: Mar 29 2020, 11:10 AM IST
रिलायंस को कर्जमुक्त बनाने के लिए तीन बड़े सौदे पर बात चल रही है, जिसमें 1.1 लाख करोड़ रुपये की पहली डील रिलायंस और सऊदी अरामको के बीच है, दूसरी डील बीपी पीएलसी (ब्रिटिश पेट्रोलियम) के साथ 7,000 करोड़ रुपये की है और तीसरी रिलायंस जियो के टावर इंफ्रास्ट्रक्चर इनवेस्टमेंट ट्रस्ट (इन्विट) में हिस्सेदारी बेचने की है।
इन सभी डील की मदद से रिलायंस का कुल 1.5 लाख करोड़ रुपए का कर्ज शून्य पर आ जाएगा। लेकिन बिजनेस टुडे की एक रिपोर्ट के मुताबिक इस वैश्विक संकट और मंदी के दौर में इन सौदों का हो पाना बहुत मुश्किल है।
रिपोर्ट के मुताबिक सऊदी अरामको और रूस के बीच चल रहे प्राइस वॉर की वजह से सऊदी अरब की इस कंपनी का मुनाफा 21 फीसदी तक गिर सकता है हालांकि, इसके बावजूद कंपनी दुनिया की सबसे ज्यादा प्रॉफिट कमाने वाली कंपनी रहेगी, लेकिन अगर क्रूड ऑइल का दाम इसी तरह गिरता रहता है तो इससे कंपनी के मुनाफे में थोड़ी कमी आएगी। इससे दुनिया भर में चल रहे उनके डील काफी धीमी गति से आगे बढ़ेंगे।
भारत के सबसे अमीर बिजनेसमैन मुकेश अंबानी ने अगस्त 2019 में हुए रिलायंस के AGM(Annual General Meeting) में रिलायंस को कर्जमुक्त बनाने का रोडमैप पेश किया था। उनके प्लान के मुताबिक सऊदी की अरामको रिलायंस में 1.1 लाख करोड़ रुपए का निवेश करेगी जिसके बदले में उसे रिलायंस के तेल और रसायन उद्योग का 20 फीसदी हिस्सा मिलेगा।
दूसरी डील, रिलायंस और यूरोप की बड़ी तेल कंपनी बीपी पीएलसी (ब्रिटिश पेट्रोलियम) ने दिसंबर में एक प्रारंभिक समझौते के बाद हस्ताक्षर किया था। इस डील में आरआईएल को 51 प्रतिशत और बीपी को 49 प्रतिशत की हिस्सेदारी मिली थी, इस डील के मुताबिक, बीपी आरआईएल के मौजूदा 1,400 पेट्रोल पंप के नेटवर्क और विमानन ईंधन कारोबार का स्वामित्व लेगा। बीपी इस हिस्सेदारी के लिए आरआईएल को 7,000 करोड़ रुपये का भुगतान करेगा। इन डील में पूरे भारत में 'Jio-BP' ब्रांड के तहत 5,500 पेट्रोल पंप का एक नेटवर्क तैयार करने की योजना पर भी बात चल रही है।
इसके अलावा रिलायंस अपने टावर इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट में हिस्सेदारी बेचने की तैयारी में था, लेकिन कोरोना वायरस के चलते शेयर मार्केट में रिलायंस के शेयर में काफी गिरावट आई है। आकड़ो के मुताबिक, 23 मार्च तक रिलायंस के शेयर में 40 फीसदी की गिरावट आई थी जिससे कंपनी का बाजार पूंजीकरण 3.5 लाख करोड़ रुपए तक घट गया। इस मार्केट क्रैश की वजह इस डील का हो पाना मुश्किल लग रहा है।
रिलायंस अपने दुसरे बिज़नेस जैसे की जियो और रिलायंस रिटेल के लिए भी निवेशक की तलाश कर रहा है। अभी हाल ही में कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कंपनी जियो की 10 फीसदी हिस्सेदारी फेसबुक को बेच सकती है। लेकिन कंपनी ने इन रिपोर्ट्स पर कोई भी प्रतिक्रिया नहीं दी।
इन सभी डील्स के अलावा रिलायंस अपनी कुछ संपत्ति बेचने की भी सोच रहा है जिसमें SEZ बनाने के लिए खरीदी गई जमीनें भी शामिल हैं। लेकिन कोरोनावायरस महामारी से पैदा हुए खराब आर्थिक स्थिति की वजह से ये सभी योजनाएं कुछ समय के लिए ठंडे बस्ते में चली गई हैं।
बता दें कि मुकेश अंबानी और उनके परिवार के सदस्यों और एक प्रमोटर फर्म ने रिलायंस इंडस्ट्रीज के 9,145 करोड़ रुपए की वैल्यू के शेयर खरीदे हैं। शुक्रवार को ओपन मार्केट के जरिए ये शेयर खरीदे गए थे। रिलायंस इडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने 2,68,308 शेयर खरीदे, नीता अंबानी ने 7,03,708 ईशा अंबानी ने 7,71,220, आकाश अंबानी के 7,73,620 और अनंत अंबानी ने 73,00,000 लाख शेयर खरीदे।
गौरतलब है कि आरआईएल ने पिछले पांच वर्षों में 5.4 लाख करोड़ रुपये का निवेश किया है। जिसमें से अकेले Jio के बिज़नेस को बनाने के लिए 3.5 लाख करोड़ रुपये खर्च किए हैं बाकी के पैसे पेट्रोकेमिकल और रिलायंस रिटेल के नेटवर्क के विस्तार के लिए खर्च किया गया है।