बदल गए इनकम टैक्स से जुड़े ये नियम, अब ULIP और EPF में निवेश पर भी देना होगा टैक्स

बिजनेस डेस्क। 1 अप्रैल से नया वित्त वर्ष शुरू होने के साथ ही इनकम टैक्स से जुड़े कई नियमों में बदलाव हुआ है। अब इम्प्लॉई प्रोविडेंट फंड (EPF) में अगर कर्मचारी के 2.5 लाख रुपए से ज्यादा के कॉन्ट्रिब्यूशन पर जो ब्याज मिलेगा, उस पर टैक्स लगया जाएगा। वहीं, इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) नहीं भरने पर दोगुना टीडीएस (TDS) देना होगा। इसके अलावा भी निवेश और टैक्स को लेकर कई बदलाव किए गए हैं। जानें इनके बारे में।
(फाइल फोटो)

Asianet News Hindi | Published : Apr 4, 2021 10:33 AM IST
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बदल गए इनकम टैक्स से जुड़े ये नियम, अब ULIP और EPF में निवेश पर भी देना होगा टैक्स
नए नियमों के तहत 50 लाख रुपए से कम आय पर कर चोरी के मामले में पुराने रिटर्न को खोलने की समय सीमा को 6 साल से घटा कर 3 साल कर दिया गया है। 50 लाख से ज्यादा टैक्स चोरी का सबूत मिलने पर 10 साल पुराने रिटर्न के मामले खोले जाएंगे। इसके लिए मुख्य आयकर आयुक्त की अनुमति जरूरी होगी। (फाइल फोटो)
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नए नियमों के तहत 2.5 लाख रुपए से ज्यादा के प्रीमियम वाले यूनिट लिंक्ड इन्श्योरेंस प्लान (ULIP) पर टैक्स में छूट नहीं मिलेगी। अगर साल में 2 या इससे ज्यादा यूलिप के लिए सालाना प्रीमियम 2.5 लाख रुपए से ज्यादा है, तो उनकी मेच्योरिटी की रकम टैक्स के दायरे में आ जाएगी। (फाइल फोटो)
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अब इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करने की प्रक्रिया को सुविधाजनक और आसान बनाने के लिए प्री-फिल्ड आईटीआर फॉर्म उपलब्ध कराया जाएगा। इससे लोगों को आईटीआर फाइल करने में ज्यादा दिक्कत नहीं होगी, वहीं इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के कर्मचारियों को भी सहूलियत होगी। (फाइल फोटो)
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नियमों में नए बदलाव के तहत अब एक वित्त वर्ष में ईपीएफ में 2.5 लाख तक का निवेश ही टैक्स फ्री होगा। इससे ज्यादा के निवेश पर ब्याज से जो कमाई होगी, उस पर टैक्स लगाया जाएगा। उदाहरण के लिए अगर किसी ने 3 लाख रुपए सालाना जमा किया, तो अतिरिक्त 50 हजार रुपए पर ब्याज से जो आमदनी होगी, उस पर टैक्स स्लैब की दर से टैक्स देना होगा। (फाइल फोटो)
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75 साल से ज्यादा उम्र के वरिष्ठ नागरिकों को इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की जरूरत नहीं होगी। जो वरिष्ठ नागरिक पेंशन या फिक्स्ड डिपॉजिट पर मिलने वाले ब्याज पर निर्भर हैं, उन्हें यह छूट दी गई है। (फाइल फोटो)
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अब देर से इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने का सिर्फ एक ही मौका मिलेगा। पहले दो मौके मिलते थे। पहले 31 दिसंबर तक आईटीआर फाइल करने पर 5000 रुपए लेट फीस देनी होती थी, वहीं अगले वर्ष 1 जनवरी से 31 मार्च तक आईटीआर फाइल करने पर 10 हजार रुपए का जुर्माना लगता था, लेकिन अब 31 दिसंबर तक ही आईटीआर फाइल करना होगा। (फाइल फोटो)
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