घर बैठे सिर्फ 100 रुपये हर महीने जमा कर बना सकते हैं ढेर सारा पैसा, शानदार है SBI की ये स्कीम

बिजनेस डेस्क। कोरोना महामारी के दौरान ज्यादातर लोग आर्थिक तंगी के शिकार हो रहे हैं। इस दौरान यह देखा गया कि काम-धंधा बंद हो जाने की स्थिति में जिन लोगों ने बचत कर रखी थी, उन्हें ज्यादा परेशानी का सामना नहीं करना पड़ा। यह जरूरी नहीं है कि बहुत ज्यादा आमदनी होने पर ही कोई बचत करें। कम आमदनी में भी छोटी बचत की जा सकती है, जो मौके पर बहुत काम आती है। छोटी रकम से बचत करने के लिए रिकरिंग डिपॉजिट वाली स्कीम अच्छी होती है। इसमें निवेश करने पर आप बेहतर फायदा हासिल कर सकते हैं।

Asianet News Hindi | Published : Jun 3, 2020 10:08 AM IST / Updated: Jun 04 2020, 10:26 AM IST

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घर बैठे सिर्फ 100 रुपये हर महीने जमा कर बना सकते हैं ढेर सारा पैसा, शानदार है SBI की ये स्कीम

 स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की स्कीम
आरडी यानी रिकरिंग स्कीम का यह फायदा है कि इसमें हर महीने पैसा जमा किया जा सकता है। अगर आप स्टेट बैंक में आरडी अकाउंट खोलना चाहते हैं तो आपको काफी सुविधा होगी। 

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घर बैठे जमा कर सकते हैं पैसे
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में रिकरिंग खाता खोलने पर आपको पैसे जमा करने के लिए बैंक तक जाने की भी जरूरत नहीं पड़ेगी। आप घर बैठे-बैठे ही यह काम कर सकते हैं। इसके लिए आपको YONO SBI ऐप का इस्तेमाल करना होगा। इस ऐप को अपने स्मार्टफोन में इंस्टॉल करके आप घर बैठे अकाउंट खोल सकते हैं और पैसे भी जमा कर सकते हैं।

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जानें इसकी प्रॉसेस
सबसे पहले YONO SBI ऐप में लॉग इन करें। इसके बाद ‘डिपॉजिट्स’ पर क्लिक करें। फिर ‘क्रिएट रिकरिंग डिपॉजिट’ पर क्लिक करें। हर महीने जितना पैसा आरडी में डिपॉजिट करना चाहते हैं, वह रकम डालें। जिस बैंक खाते से पैसा आरडी में डालना है, उसे चुनें। फिर ‘नेक्स्ट’ पर क्लिक करें। जितने समय के लिए आरडी करनी है, वह चुनें। अब हर महीने की किस तारीख को किस्त करेंगे, इसे तय करें। अब ‘व्यू इंटरेस्ट रेट्स’ पर क्लिक कर आरडी की ब्याज दरों पर जाएं। यहां अलग-अलग मेच्योरिटी पीरियड के सामने उसके लिए तय ब्याज दरें दिखेंगी। जितने वक्त की आरडी करना चाहते हैं, उस अवधि को चुनें।
अब ‘ओके’ पर क्लिक करने पर आप उस पेज पर पहुंच जाएंगे, जहां आपने आरडी में किस्त जाने की तारीख का चुनाव किया था। 

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ब्याज दर दिखेगी
अब आपके द्वारा चुने गए मेच्योरिटी पीरियड के साथ तय ब्याज दर भी दिखने लगेगी। अब ‘नेक्स्ट’ पर क्लिक करें और डिटेल्स को देखें। यहां आपको आरडी का मेच्योरिटी पीरियड पूरा होने के बाद कितना अमाउंट मिलेगा, वह भी दिखाई पड़ेगा। इसी पेज पर ‘व्यू नॉमिनी डिटेल्स’का विकल्प मिलेगा। डिटेल्स को एडिट करने  के बाद बैक पर टैप करें।  इसके बाद नियम व शर्तें पढ़ने के बाद एक्सेप्ट करें और कन्फर्म पर क्लिक करें। अब एसबीआई में आपका आरडी अकाउंट खुल जाएगा। इसका मैसेज दिखाई देगा। इसकी डिटेल आपकी ईमेल आईडी पर भी भेज दी जाएगी। 

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इस स्कीम के फीचर्स
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की रिकरिंग डिपॉजिट स्कीम में कम से कम हर महीने 100 रुपए जमा करना होता है। जमा करने की कोई अधिकतम सीमा नहीं है। इस स्कीम में अकाउंट कम से कम 1 साल और ज्यादा से ज्यादा 10 साल के लिए खुलवाया जा सकता है। रिकरिंग अकाउंट में जमा राशि पर 90 फीसदी तक का लोन या ओवरड्राफ्ट मिल सकता है। इस अकाउंट पर  टर्म डिपॉजिट के लिए लागू ब्याज दर लागू है। इस समय एसबीआई में डोमेस्टिक टर्म डिपॉजिट पर ब्याज दर अलग-अलग मेच्योरिटी पीरियड के लिए 2.90 फीसदी से 5.40 फीसदी सालाना है। सीनियर सिटिजन के लिए इस पर  ब्याज दर 0.50 फीसदी ज्यादा है। एसबीआई स्टाफ और एसबीआई पेंशनर्स के लिए ब्याज दर लागू ब्याज दर से 1 फीसदी ज्यादा है। 

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मेच्योरिटी के पहले कर सकते बंद
इस अकाउंट को मेच्योरिटी पीरियड पूरा होने से पहले बंद किया जा सकता है, लेकिन तब पेनल्टी का भुगतान करना होगा और ब्याज में कटौती होगी। 7 दिन से कम वक्त के लिए  रिकरिंग डिपॉजिट रखने पर कोई ब्याज नहीं मिलेगा। इस स्कीम में किसी भी व्यक्ति को नॉमिनी बनाया जा सकता है। इसमें पासबुक की सुविधा भी है।

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मंथली किस्त जमा नहीं करने पर लगेगी पेनल्टी
इस अकाउंट में मंथली किस्त जमा नहीं करने पर पेनल्टी लगती है। 5 साल या इससे कम मेच्योरिटी पीरियड वाली  आरडी पेनल्टी प्रति 100 रुपए पर 1.50 रुपए प्रति माह है। 5 साल से ज्यादा के मेच्योरिटी पीरियड वाले अकाउंट पर पेनल्टी प्रति 100 रुपए पर 2 रुपए प्रति माह है। अगर रिकरिंग अकाउंट में 3 या इससे ज्यादा लगातार किस्तों का डिफॉल्ट होता है या अकाउंट नियमित नहीं है तो 10 रुपए सर्विस चार्ज लगता है।अगर लगातार 6 किस्तों का डिफॉल्ट होता है तो अकाउंट को मेच्योरिटी पीरियड पूरा होने से पहले ही बंद कर दिया जाएगा और अकाउंट होल्डर को बैलेंस अमाउंट का भुगतान कर दिया जाएगा। इस अकाउंट को स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की एक शाखा से दूसरी शाखा में ट्रांसफर कराया जा सकता है।

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छोटी-छोटी बचत के जरिए जुटाई गई रकम एक अवधि के बाद बड़ी पूंजी बन जाती है। 

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मुश्किल के वक्त बचत के पैसे काफी काम आते हैं। 

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