अब कम होंगी पेट्रोल-डीजल की कीमतें ! सरकार बदलने जा रही क्रूड ऑयल की खरीदी पर रणनीति

बिजनेस डेस्क, Diesel Petrol Price: कच्चे तेल की कीमतें लगातार बढ़ती जा रही हैं।  तेल उत्पादक देश अब कीमतें कम करने तैयार नहीं हैं। ओपेक देश तेल का उत्पादन नहीं बढ़ा रहे हैं, जिससे पेट्रोल-डीजल की कीमतें आसमान छू रही हैं। वहीं देश में ईधन के दाम बढ़ने से लगातार महंगाई बढ़ रही है। केंद्र सरकार पर दवाब बढ़ रहा है, उत्तर प्रदेश सहित कई प्रदेशों के चुनाव  की दस्तक हो चुकी है ऐसे में पेड्रोल-डीजल के दाम मोदी सरकार की टेंशन बढ़ा रहे हैं। सरकार अब इस पर गंभीर हुई है। सरकार ने एक नायाब तरीका तलाशा है, इससे निश्चित ही क्रूड ऑयल के दाम घटेंगे... 

Asianet News Hindi | Published : Oct 23, 2021 5:43 AM IST / Updated: Oct 23 2021, 04:49 PM IST

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अब कम होंगी पेट्रोल-डीजल की कीमतें ! सरकार  बदलने जा रही क्रूड ऑयल की खरीदी पर  रणनीति

सरकार पेट्रोल-डीजल खरीद की रणनीति (Strategy) बदलने की तैयारी कर रही है। सरकार ने संकेत दिया है कि इसी वह अब थोक में ईधन तेल खरीदेगी। तेल उत्पादक देशों से कम रेट करन केलिए वार्गिनिंग की जा सकती है।  इस रणनीति पर सरकार अमल करते हुए कच्चे तेल की खरीदारी (Crude Oil Buying) करने की योजना बना रही है।  

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सभी तेल कंपनियां करेंगी बल्क में खरीद
पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी (Hardeep Singh Puri) ने बीते दिन  कहा कि भारत सरकार सार्वजनिक उपक्रमों और निजी क्षेत्र की रिफाइनरी (Private Sector Refiners)   कंपनियों को एक साथ लाने पर गंभीरता से विचार कर रही है। इससे ओपेक देशों समेत अन्य तेल उत्पादक देशों से बेहतर कीमत पर कच्चे तेल का इम्पोर्ट किया जा सकता है।

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 पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी  ने कहा कि देश इस समय ईंधन की बेहिसाब कीमतों से जूझ रहा है, और ऐसे में भारी और कम्बाइन परचेस से ज्यादा मोलभाव किया जा सकेगा। इससे  आयात बिल में कटौती की जा सकेगी। मंत्री ने कहा कि उनके मंत्रालय के सचिव ने इस संबंध में सार्वजनिक और निजी रिफाइनरियों के साथ एक बैठक की है।

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क्रूड के दाम बढ़ने का व्यापक असर पड़ता है
वहीं पेट्रोलियम सचिव तरुण कपूर ने भी कुछ ऐसे  ही संकेत दिए हैं। कपूर ने कहा कि भारत 85 फीसदी तेल आयात करता है। क्रूड के दाम बढ़ने का देश की अर्थव्यवस्था पर बड़ा असर पड़ता है। भारत ने एक ग्रुप बनाया है, जो तेल उत्पादक देशों के साथ मिलकर डील करेगा।

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पेट्रोलियम सचिव के अनुसार, रिफाइनरियों का समूह हर 15 दिन में मीटिंग करेगा, अपने सुझाव देगा। सभी तेल कंपनियां कम्बाइन होकर तेल की खरीद करेगी, इससे कंपनियों के पास मोलभाव के ज्यादा अवसर होंगे। 

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कीमतें घटाने का दबाव बढ़ेगा
केंद्र सरकार की रणनीति है कि थोक में तेल का सौदा करने पर तेल उत्पादकों देशों पर कीमतें घटाने का दवाब बढ़ेगा। सरकार के आंकड़ों के मुताबिक कच्चा तेल महंगा होने की वजह से सितंबर में व्यापार घाटा 22.6 अरब डॉलर के साथ 14 साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है। 
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