बिजनेस डेस्क। कोरोनावायरस महामारी और लॉकडाउन की वजह से लोगों के सामने आर्थिक परेशानी बढ़ गई है। काफी लोगों की नौकरियां चली गईं। बहुत से लोगों के काम-धंधे बंद हो गए। इन हालात में लोगों के लिए बैंकों के लोन चुका पाना मुश्किल हो गया। लोगों को राहत देने के लिए सरकार ने पहले लोन के रिपेमेंट में मोरेटोरियम (Moratorium) की सुविधा दी। लेकिन 31 अगस्त के बाद यह सुविधा खत्म कर दी गई। कोविड की वजह से अभी भी समय पर कर्ज चुका पाना सभी के लिए संभव नहीं है। लोगों की इस समस्या को देखते हुए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (Reserve Bank of India) ने बैंकों को यह निर्देश दिया कि वे कर्जदारों को राहत देने के लिए लोन रिस्ट्रक्चरिंग प्लान बना सकते हैं। इसके बाद स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ( SBI) ने लोन रिस्ट्रक्चरिंग की सुविधा शुरू की है। लेकिन फाइनेंशियल एक्सपर्ट्स का कहना है कि इस सुविधा का लाभ लेने के पहले कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है, नहीं तो नुकसान भी हो सकता है।
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