लॉकडाउन में भी मुनाफा दे रहा ये बिजनेस, शुरू करने के लिए मोदी सरकार देती है 2.5 लाख की मदद

बिजनेस डेस्क। कोरोना महामारी की वजह से लगाए गए लॉकडाउन में ज्यादातर व्यवसाय डूबने की हालत में आ गए हैं, क्योंकि बाजार बंद है। सिर्फ जरूरी चीजों की दुकानें सीमित समय के लिए खुल रही हैं। लेकिन इस हालत में भी दवा के बिजनेस पर कोई ज्यादा असर नहीं पड़ा है। भारत सरकार ने प्रधानमंत्री जन औषधि योजना (PMBJY) शुरू की है। इस योजना के तहत केंद्र सरकार का लक्ष्य देश के हर जिले में दवाओं की सस्ती दुकान खोलना है। अगर आप लॉकडाउन की इस मंदी में अपने लिए स्वरोजगार की व्यवस्था करना चाहते हैं तो जन औषधि केंद्र खोल सकते हैं।
 

Asianet News Hindi | Published : May 6, 2020 10:12 AM IST / Updated: May 06 2020, 06:29 PM IST

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लॉकडाउन में भी मुनाफा दे रहा ये बिजनेस, शुरू करने के लिए मोदी सरकार देती है 2.5 लाख की मदद

सरकार देती है मदद
प्रधानमंत्री जन औषधि योजना के तहत दवाई की दुकान खोलने के लिए सरकार शुरुआत में 2.5 लाख रुपए की मदद देती है। इतनी पूंजी में आसानी से दवा की एक छोटी दुकान शुरू की जा सकती है। इसमें आपको खुद बहुत ही कम पूंजी लगानी पड़ेगी। सरकार इन केंद्रों की कमाई भी सुनिश्चित करेगी। इसके लिए सरकारी एजेंसियां इन केंद्रों से दवा की खरीददारी करेगी।

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 हजारों की संख्या में खुल चुके हैं ये केंद्र
अब तक देश भर में हजारों की संख्या में जनऔषधि केंद्र खुल चुके हैं। रसायन और उर्वरक मंत्रालय के मुताबिक, पूरे देश में फिलहाल करीब 6,300 जनऔषधि केंद्र हैं। लॉकडाउन के दौरान भी कई दिक्कतों के बावजूद इन केंद्रों में अप्रैल माह में 52 करोड़ रुपए की दवाइयों की बिक्री हुई।

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वॉट्सऐप-ईमेल से भी लिए जाते हैं ऑर्डर
इन जन औषधि केंद्रों में वॉट्सऐप और ईमेल के जरिए भी ऑर्डर लिए जाने की सुविधा है। इससे कोई भी आसानी से यहां से दवाइयां खरीद सकता है। लॉकडाउन में दवा खरीदने के लिए बाहर जाने की जरूरत नहीं होगी। यहां से दवा ग्राहकों तक पहुंचाने की व्यवस्था कर दी जाती है।
 

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कैसे खोला जा सकता है जन औषधि केंद्र
जन औषधि केंद्र खोलने के लिए तीन कैटेगरी बनाई गई है। पहली कैटेगरी में कोई भी बेरोजगार व्यक्ति, फार्मासिस्ट, डॉक्टर और रजिस्टर्ड मेडिकल प्रैक्टिशनर जन औषधि केंद्र खोल सकता है। दूसरी कैटेगरी में ट्रस्ट, एनजीओ, निजी अस्पताल, सोसाइटी और स्वयं सहायता समूह भी ये केंद्र खोल सकते हैं। तीसरी कैटेगरी में राज्य सरकारों द्वारा नामित एजेंसियां जन औषधि केंद्र खोल सकती हैं।

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जरूरी शर्तें
जन औषधि केंद्र खोलने के लिए जरूरी है कि रिटेल ड्रग सेल का लाइसेंस केंद्र के नाम से होना चाहिए। इसके साथ ही, 120 वर्गफुट एरिया में दुकान होनी चाहिए।
 

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कैसे करेगी सरकार मदद
जन औषधि केंद्र खोलने पर सरकार 2.5 लाख रुपए तक की मदद करती है। इन केंद्रों से दवा की बिक्री पर 20 फीसदी मार्जिन के साथ ही 15 फीसदी इन्सेंटिव अलग से दिया जा रहा है। इसमें 50 हजार रुपए की बिक्री पर 10 हजार की इनकम तय है। 15 फीसदी इन्सेंटिव मंथली सेल पर मिलेगा। इन्सेंटिव 10 हजार से ज्यादा नहीं मिलेगा और 2.5 लाख रुपए वसूल होने तक ही मिलेगा। नक्सल प्रभावित और नॉर्थ-ईस्ट के राज्यों में इन्सेंटिव 15 हजार रुपए प्रति माह है। 
 

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कैसे करें आवेदन
जन औषधि केंद्र खोलने के लिए ब्यूरो ऑफ फार्मा पब्लिक अंडरटेकिंग ऑफ इंडिया  (BPPI) के जनरल मैनेजर (A&F) के नाम आवेदन भेजना होगा। इसके लिए https://janaushadhi.gov.in/ पर जाकर फॉर्म डाउनलोड किया जा सकता है।   
 

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