बैंकों में सेविंग्स अकाउंट से भी हो सकती है अच्छी कमाई, जानें इसके लिए क्या करना होगा
बिजनेस डेस्क। सेविंग्स अकाउंट (Savings Account) पर बैंक बहुत ही कम इंटरेस्ट देते हैं। इसके बावजूद लोगों के लिए सेविंग्स अकाउंट रखना जरूरी होता है। इसके बिना सामान्य लेन-देन संभव नहीं है। हर किसी के लिए बैंक में सेविंग्स अकाउंट का होना जरूरी है। आजकल बैंक फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) पर भी बहुत कम इंटरेस्ट दे रहे हैं। ऐसी स्थिति में कोई सोच नहीं सकता कि वह सेविंग्स अकाउंट से किसी तरह का फायदा हासिल कर सकता है। लेकिन ऐसा भी तरीका है, जिसके जरिए सेविंग्स अकाउंट से ज्यादा आमदनी की जा सकती है और उस पर फिक्स्ड डिपॉजिट की तरह ब्याज पाया जा सकता है। जानें इसके बारे में।
(फाइल फोटो)
Asianet News Hindi | Published : Feb 25, 2021 10:59 AM IST / Updated: Feb 25 2021, 06:25 PM IST
कई बैंक बचत खाते पर स्वीप इन की फैसिलिटी देते हैं। इन बैंकों में एसबीआई (SBI), पंजाब नेशनल बैंक (Punjab National Bank), एचडीएफसी बैंक (HDFC Bank), आईसीआईसीआई बैंक(ICICI), बैंक ऑफ इंडिया (Bank of India) और एक्सिस बैंक (Axis Bank) के अलावा दूसरे बैंक भी शामिल हैं। (फाइल फोटो)
स्वीप इन फैसिलिटी के तहत जब सेविंग्स अकाउंट में जमा राशि एक तय लिमिट के पार चली जाती है, तो वह फिक्सड डिपॉजिट (FD) में बदल जाता है। अलग-अलग बैंकों में इस लिमिट में फर्क हो सकता है। (फाइल फोटो)
कन्वर्टेड फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) के अमाउंट पर बैंक में एफडी के लिए तय ब्याज दर के हिसाब से ब्याज मिलता है। स्वीप इन फैसिलिटी में कस्टमर को सेविंग्स अकाउंट की जमा राशि पर उसके लिए तय ब्याज तब तक मिलता रहता है, जब तक लिमिट बनी रहती है। इस तरह कस्टमर को ज्यादा फायदा होता है। (फाइल फोटो)
स्वीप इन फैसिलिटी लेने के लिए बैंकों को लिखित में बताना पड़ता है और कुछ प्रक्रिया पूरी करनी पड़ती है। इसके बाद जैसे ही सेविंग्स अकाउंट में जमा राशि तय लिमिट से बढ़ती है, उस पर ज्यादा ब्याज दिया जाने लगता है। इसके लिए कस्टमर को अलग से कुछ भी नहीं करना पड़ता। (फाइल फोटो)
जानकारी के अभाव में काफी लोग इस सुविधा का फायदा नहीं ले पाते। इसलिए किसी भी बैंक में सेविंग्स अकाउंट खोलते समय स्वीप इन फैसिलिटी के बारे में जानकारी लेनी चाहिए। यह पता करना चाहिए कि लिमिट कितनी है और उस लिमिट से ज्यादा अमाउंट खाते में रखना चाहिए, ताकि यह सुविधा मिल सके। इससे बैठे-बिठाए इनकम बढ़ती रहती है। (फाइल फोटो)