ना नौकरी जाने का डर ना करनी पड़ेगी किसी की चाकरी, सिर्फ 50 हजार में शुरू करें ये काम; लाखों में कमाई

बिजनेस डेस्क। कोरोना महामारी के इस दौर में अर्थव्यवस्था में मंदी आ गई है। लॉकडाउन और दूसरी वजहों से कारोबार बंद हो रहे हैं और लोगों की नौकरी पर संकट मंडरा रहा है। काफी लोग छंटनी के शिकार हो रहे हैं। ऐसी स्थिति में लोग कोई ऐसा काम करना चाहते हैं, जिसमें लागत कम लगे और एक सुनिश्चित आय हो सके। इस तरह के कई काम हैं, जिनमें छोटी पूंजी लगा कर अच्छी कमाई की जा सकती है। सहजन यानी ड्रमस्टिक की खेती कर के भी अच्छी कमाई की जा सकती है। सहजन की खेती के लिए ज्यादा जमीन की जरूरत नहीं पड़ती। सहजन की खेती से 10 महीने में एक एकड़ जमीन में  1 लाख रुपए तक की आमदनी हो सकती है। जानें इसके बारे में विस्तार से।

Asianet News Hindi | Published : Jun 4, 2020 5:58 AM IST / Updated: Jun 04 2020, 11:55 AM IST

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ना नौकरी जाने का डर ना करनी पड़ेगी किसी की चाकरी, सिर्फ 50 हजार में शुरू करें ये काम; लाखों में कमाई

सहजन की काफी है डिमांड
सहजन एक मेडिसिनल प्लान्ट है। भारत ही नहीं, दुनिया के कई देशों में इसकी अच्छी-खासी डिमांड बनी रहती है। यह बहुत ही कम लागत में तैयार होने वाली फसल है। एक बार इसकी बुवाई करने के बाद फिर 4 साल तक इसकी बुवाई की जरूरत नहीं पड़़ती। एक एकड़ जमीन में इसके प्लान्टेशन से सालाना 6 लाख रुपए तक की कमाई हो सकती है। इसकी मार्केटिंग करना भी बेहद आासान है।
 

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दूसरी फसल के साथ भी हो सकता है उत्पादन
सहजन का वैज्ञानिक नाम मोरिंगा ओलीफोरा है। अलग-अलग इलाकों में इसे कई नामों से जाना जाता है। अंग्रेजी में इसे ड्रमस्टिक कहते हैं। इसका पौधा एक बार लगाने के बाद फिर बार-बार नहीं लगाना पड़ता।अगले सीजन में पौधा फिर अपने आप पनप जाता है। इसकी खेती में पानी की ज्यादा जरूरत नहीं पड़़ती, न ही खास रख-रखाव करना पड़ता है। अगर बड़े पैमाने पर इसकी खेती नहीं करना चाहते हैं, तो दूसरी फसल के साथ भी इसे लगाया जा सकता है। 

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गर्म इलाकों में ज्यादा होता है उत्पादन
सहजन की खेती गर्म इलाकों में ज्यादा अच्छी होती है। ठंडे इलाकों में इसका उत्पादन नहीं हो पाता। सहजन का फूल खिलने के लिए 25 से 30 डिग्री सेल्शियस तापमान की जरूरत होती है। सहजन का इस्तेमाल सब्जी के तौर पर भी किया जाता है। इसके फूल की भी सब्जी बनती है।
 

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साल में 2 बार होती है फसल
सहजन की फसल साल में 2 बार होती है। सूखी बलुई या चिकनी बलुई मिट्टी में सहजन की खेती अच्छी होती है। सहजन का एक पेड़ 10 साल तक फलता-फूलता है। कोयम्बटूर 2, रोहित 1, पी.के.एम 1 और पी.के.एम 2  इसकी प्रमुख किस्में हैं।

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हर हिस्से का होता है इस्तेमाल
सहजन के हर हिस्से का इस्तेमाल किया जा सकता है। इसकी सब्जी तो बनती ही है, इसकी पत्तियों को भी सलाद के तौर पर खाया जा सकता है। सहजन के पत्ते, फल और फूल में औषधीय गुण पाए जाते हैं। यह स्वास्थ्य के लिए बहुत अच्छा होता है।

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300 से ज्यादा रोगों से होता है बचाव
आयुर्वेद के मुताबिक, सहजन के इस्तेमाल से 300 से भी ज्यादा रोगों से बचाव होता है। यह इम्यूनिटी को काफी मजबूत करता है। इसके बीज से तेल भी निकाला जाता है, जिसका इस्तेमाल दवाइयां बनाने में होता है। सहजन में 90 विटामिन, 46 एंटी-ऑक्सीडेंट और 18 तरह के एमिनो एसिड पाए जाते हैं।  

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एक एकड़ में लगते हैं 1200 पौधे
एक एकड़ जमीन में सहजन के करीब 1200 पौधे लगाए जा सकते हैं। इसमें करीब 50 से 60 हजार रुपए तक का खर्च आएगा। सहजन की सिर्फ पत्तियां बेच कर सालाना 60 हजार रुपए तक की कमाई की जा सकती है। 
 

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