LIC के NPS फंड में कर सकते हैं जबरदस्त कमाई, 3 साल में मिला है काफी अच्छा रिटर्न

बिजनेस डेस्क। लाइफ इन्श्योरेंस कॉरपोरेशन (LIC) की सामान्य स्कीम्स में मुनाफे के साथ लाइफ कवरेज और दूसरी सुविधाएं तो मिलती ही हैं, वहीं एलआईसी सरकार की पेंशन स्कीम योजना से भी जुड़ी है। नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) में भी एलआईसी के पेंशन फंड के जरिए अच्छी-खासी कमाई की जा सकती है। बता दें कि टियर 2 एनपीएस अकाउंट्स (Tier-II NPS Accounts) ने पिछल 3 साल के दौरान दोहरे अंकों में रिटर्न दिया है। इनमें सबसे टॉप पर एलआईसी (LIC) पेंशन फंड रहा है। वहीं, दूसरे नंबर पर एचडीएफसी (HDFC) पेंशन फंड मैनेजर रहा है। जानें इसके बारे में विस्तार से।
(फाइल फोटो)
 

Asianet News Hindi | Published : Jan 7, 2021 7:19 AM IST

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LIC के NPS फंड में कर सकते हैं जबरदस्त कमाई, 3 साल में मिला है काफी अच्छा रिटर्न
सरकारी सिक्योरिटीज (Government Securities) फंड्स में लगभग सभी नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) टियर-2 ने 3 साल में दोहरे अंकों में रिटर्न दिया है। इस दौरान 7 पेंशन फंड मैनेजर्स ने 11.01 फीसदी से लेकर 13.5 फीसदी सालाना का रिटर्न मिला है। वहीं, बेंचमार्क CCIL सॉवरेन बॉन्ड (CCIL Sovereign Bond) और 10 साल के गिल्ड म्यूचुअल फंड (Guild Mutual Fund) ने 10.78 फीसदी का रिटर्न दिया है। (फाइल फोटो)
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टियर-2 (Tier-II) सेगमेंट में एलआईसी पेंशन फंड (LIC Pension Fund) पहले स्थान पर है। 3 साल में इसमें 13.5 फीसदी का रिटर्न मिला है। वैल्यू रिसर्च (Value Research) के आंकड़ों से इसके बारे में जानकारी मिली है। एलआईसी के रिटर्न के बाद एचडीएफसी पेंशन फंड (HDFC Pension Fund) का रिटर्न है। एचडीएफसी पेंशन फंड में 11.7 फीसदी का रिटर्न मिला है। (फाइल फोटो)
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एलआईसी पेंशन फंड ने 5 साल के रिटर्न पीरियड में भी सबसे ज्यादा फायदा दिया है। इस पीरियड में एलआईसी पेंशन फंड ने 11.88 फीसदी का रिटर्न दिया है। इस तरह, रिटर्न के लिहाज से यह सभी एनपीएस फंड और म्यूचुअल फंड से आगे है। (फाइल फोटो)
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60 साल की उम्र में मेच्योर होने वाले रिटायरमेंट अकाउंट एनपीएस टियर-1 से अलग एनपीएस टियर-2 में कई तरह की सुविधाएं मिलती हैं। यह इन्वेस्टमेंट अकाउंट है, लेकिन आप अपनी जरूरत के हिसाब से इसमें से पैसे निकाल सकते हैं। (फाइल फोटो)
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सरकारी कर्मचारियों को छोड़ दिया जाए तो टियर-2 अकाउंट पर इनकम टैक्स एक्ट (Income Tax Act) के सेक्शन 80C के तहत किसी तरह का टैक्स लाभ नहीं मिलता है। एक बेसिस प्वाइंट का कम एक्सपेंस रेशियो ही निवेशकों के लिए इसे अट्रैक्टिव बनाता है। (फाइल फोटो)
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पेंशन फंड रेग्युलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (PFRDA) द्वारा नए पेंशन फंड मैनेजर्स के चुनाव के बाद भी यह लागू रहेगा। इक्विटी स्कीम्स (Equity Schemes) के लिए 0.09 फीसदी की मैक्सिमम प्रपोज्ड इन्वेस्टमेंट मैनेजमेंट फीस और 0.03 फीसदी की इंटरमीडियरीज चार्ज के साथ म्यूचुअल फंड और दूसरे फाइनेंशियल इंस्ट्रूमेंट्स की तुलना में एनपीएस (NPS) सबसे सस्ता ऑप्शन बना रहेगा। (फाइल फोटो)
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टियर-2 अकाउंट में निवेश करने के लिए टियर-1 रिटायरमेंट अकाउंट खोलना पड़ता है। नया अकाउंट न्यूनतम 1,000 रुपए की राशि से खोला जा सकता है। इसमें आगे कम से कम 250 रुपए का कॉन्ट्रिब्यूशन करना होगा। यह वॉलन्टियरी अकाउंट होता है। इसमें हर एक साल निवेश करना जरूरी नहीं है। इसके लिए 7 में किसी 1 पेंशन फंड मैनेजर का चुनाव किया जा सकता है। (फाइल फोटो)
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उसी टियर-2 पेंशन मैंनेजर का चुनाव करना चाहिए, जिसे टियर-1 अकांउट के लिए चुना गया हो। इसमें इन्वेस्टमेंट के नियम टियर-1 अकाउंट की तरह ही होंगे। 50 साल से कम उम्र के सब्सक्राइबर्स को इक्विटी एसेट क्लास में 75 फीसदी का एक्सपोजर मिलेगा। वैकल्पिक रूप से इसमें अपनी पूंजी को मैनेज करने के लिए ऑटो चॉइस इन्वेस्टमेंट विकल्प का चुनाव किया जा सकता है। (फाइल फोटो)
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