इस फेस्टिव सीजन में खरीद सकते हैं सस्ता सोना, जानें Gold में निवेश करना क्यों होगा फायदे का सौदा

बिजनेस डेस्क। भारत में सोना खरीदना लोग काफी पसंद करते हैं। खास कर त्योहारों के मौके पर सोना-चांदी के गहने खरीदने की परंपरा है। दिवाली के मौके पर भी लोग सोना या चांदी के सिक्के खरीदते हैं। सोना में निवेश करना हमेशा फायदे का सौदा होता है। इसकी वजह यह है कि सोने की वैल्यू में कभी ज्यादा गिरावट नहीं होती। दूसरे, आकस्मिक संकट की परिस्थितियों में सोना में किया जाने वाला निवेश काफी काम आता है। अब सोने की जूलरी खरीदने की जगह सरकार के सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (Sovereign Gold Bond) में निवेश किया जा सकता है। वित्त वर्ष 2020-21 के लिए सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की नई सीरीज 12 अक्टूबर से खुल गई है। इसमें 16 अक्टूबर तक निवेश किया जा सकता है। 
(फाइल फोटो)
 

Asianet News Hindi | Published : Oct 13, 2020 5:02 AM IST

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इस फेस्टिव सीजन में खरीद सकते हैं सस्ता सोना, जानें Gold में निवेश करना क्यों होगा फायदे का सौदा

क्या है इश्यू प्राइस
इस बार सरकार ने सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में निवेश के लिए इश्यू प्राइस 5,051 रुपए प्रति ग्राम यानी 50,510 रुपए प्रति 10 ग्राम तय किया है। बता दें कि सरकार सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की यह सीरीज तब लेकर आई है, जब सोना इस साल अपने रिकॉर्ड हाई से करीब 6000 रुपए डिस्काउंट पर बिक रहा है।
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ऑनलाइन खरीदने पर छूट
अगर आप गोल्ड बॉन्ड ऑनलाइन खरीदते हैं तो हर ग्राम पर 50 रुपए की छूट मिलेगी। ऑनलाइन इन्वेस्टर्स के लिए इश्यू प्राइस 5,001 रुपए प्रति ग्राम यानी 50,010 प्रति 10 ग्राम होगी। इन्वेस्टमेंट एक्सपर्ट्स का मानना है कि फेस्टिव सीजन के पहले सस्ता सोना खरीदने का यह अच्छा मौका है।
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कैसे और कहां से खरीदें
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड के हर एप्लिकेशन के साथ निवेशक के पास पैन कार्ड होना जरूरी है। गोल्ड बॉन्ड बैंकों, स्टॉक होल्डिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड ( SHCIL), चुनिंदा पोस्ट ऑफिस और एनएसई (NSE) व बीएसई (BSE) जैसे स्टॉक एक्सचेंज के जरिए भी खरीदा जा सकता है।
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कितना खरीद सकते हैं सोना
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम में एक वित्त वर्ष में एक व्यक्ति अधिकतम 400 ग्राम सोना का बॉन्ड खरीद सकता है। वहीं, न्यूनतम निवेश एक ग्राम का होना जरूरी है। इसमें निवेश पर टैक्स में छूट भी मिलती है।
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मिलता है अतिरिक्त ब्याज
इस गोल्ड बॉन्ड की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसमें सोने की कीमतों में बढ़ोत्तरी के अलावा  2.5 फीसदी की दर से अतिरिक्त ब्याज भी मिलता है। मेच्योरिटी पर यह टैक्स फ्री होता है। इसमें एक्सपेंस रेश्यो कुछ भी नहीं है। भारत सरकार से समर्थित होने से इसमें डिफॉल्ट का रिस्क भी नहीं होता है।
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और क्या हैं फायदे
गोल्ड बॉन्ड को फिजिकल गोल्ड की तुलना में  सुरक्षित होता है। इसमें एग्जिट के भी आसान ऑप्शन मौजूद हैं। गोल्ड बॉन्ड पर लोन की सुविधा भी मिलती है। इसमें प्योरिटी का भी कोई झंझट नहीं होता और कीमतें सबसे शुद्ध सोने के आधार पर तय होती हैं। पिछले 10 साल से 15 साल के बीच सोने में निवेश से लगातार अच्छा रिटर्न मिला है।
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क्या है सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में निवेशक को फिजिकल रूप में नहीं, बल्कि बॉन्ड के रूप में सोना मिलता है। यह फिजिकल गोल्ड की तुलना में ज्यादा सुरक्षित है। जहां तक शुद्धता की बात है, तो इलेक्ट्रॉनिक रूप में होने के कारण इसकी शुद्धता पर कोई संदेह नहीं किया जा सकता। इस पर 3 साल के बाद लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स लगेगा, वहीं मेच्योरिटी तक रखने पर कैपिटल गेन टैक्स नहीं लगेगा। इसे 5 साल के बाद कभी भी भुनाया जा सकता है।
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