इस स्कीम के तहत उस महिला को सम्मानित किया जाता, जिसके घर बेटी पैदा होती है। इसके तहत बरखेड़ी, अब्दुल्ला पंचायत के जिस घर में लड़की पैदा होती है, उसकी मां को वे अपनी 2 महीने की तनख्वाह यानी 4 हजार रुपए देती हैं। साथ ही उस बेटी के नाम से गांव में एक पेड़ लगाया जाता है। ये कार्यक्रम सरकार द्वारा चलाये जा रहे कार्यक्रम ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ के तहत आता है।
बरखेड़ी अबदुल्ला गांव में कम ही लोग ऐसे थे जो शिक्षित थे। भक्ति ने गांव के लोगों के घर-घर जाकर शिक्षा का महत्व समझाया। गांव की हर सड़क अब स्कूलों से जुड़ी हुई है जहां पहुंचने के लिए बच्चों को साइकिल भी मुहैया करवाई गई है। स्कूलों में बच्चों को मिड डे मील भी दिया जाता है जिससे कुपोषण के आंकड़े गांव में काफी कम हो गए हैं। सड़क, शिक्षा और बिजली मुहैया कराने के अपने संकल्प को पूरा करने के लिए भक्ति निरंतर प्रयासरत हैं। आने वाले समय में भक्ति पूरे गांव में मुफ्त वाई-फाई की सेवा प्रदान करना चाहतीं हैं।