SP को फोन करके मजदूरों ने दी गंदी गालियां ताकि वो जेल में डाल दे, बदले में मिला प्यार और रोटी

नई दिल्ली.  आज पूरा विश्व कोरोना महामारी से एकजुट होकर लड़ रहा है। इस विषम परिस्थिति में समाज के अंतिम व्यक्ति तक राहत पहुंचाने में पुलिस प्रशासन महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। लॉकडाउन का अनुपालन कराने के साथ-साथ पुलिसकर्मी मानव सेवा का भी काम कर रहे हैं। देश के अलग -अलग हिस्सों में पुलिस प्रशासन के अधिकारी और अन्य कर्मचारी दिन-रात एक कर काम कर रहे हैं। बिहार के किशनगंज जिला के पुलिस अधीक्षक (एसपी) आईपीएस अधिकारी कुमार आशीष ऐसे ही जांबाज अधिकारियों में एक हैं जो सुरक्षा के साथ जरूरमंदों की मदद भी कर रहे हैं।

 

आशीष न सिर्फ लोगों को पका हुआ भोजन मुहैया करवा रहे हैं बल्कि घर-घर राशन और जरूरी चीजें भी बांट रहे हैं। लॉकडाउन में उनका सेवाभाव देख लोग सैल्यूट करते नहीं थक रहे-  
 

Asianet News Hindi | Published : May 20, 2020 5:14 AM IST / Updated: May 20 2020, 12:03 PM IST

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SP को फोन करके मजदूरों ने दी गंदी गालियां ताकि वो जेल में डाल दे, बदले में मिला प्यार और रोटी

बिहार -बंगाल की सीमा पर स्थित किशनगंज जिला में आईपीएस कुमार आशीष के नेतृत्व में पुलिसकर्मी जरूरतमंद लोगों को मदद कर रहे हैं। सड़क पर जरूरतमंदों को मदद पहुंचाने का काम हो या फिर बुजुर्ग लोगों का ध्यान रखना हो या फिर गंभीर रूप से बीमार मरीजों को अस्पताल में इलाज करवाना, इन सभी में जिला पुलिस योगदान दे रही है। लॉकडाउन के दौरान किशनगंज पुलिस जहां एक ओर लोगों से कानून का पालन करवा रही है वहीं लोगों की मानवीय सहायता भी कर रही है।

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कोई भूखा ना रहे, घर-घर पहुंचा रहे राशन

 

लॉकडाउन के चलते गरीब और बेसहारा लोग दो वक़्त के भोजन के मोहताज़ हो गए हैं। इस विपरीत समय में एसपी कुमार आशीष की पहल पर पुलिस अधिकारी जरूरतमंद लोगों के घर तक सूखा राशन पहुंचा रही है। जरूरतमंद लोगों को दाल, सब्जी, सोयाबीन, नमक, तेल आदि का नियमित रूप से वितरण किया जा रहा है। पुलिस अधिकारी दिन- रात लॉकडाउन का पालन करने के लिए सड़क में न केवल तत्परता से कार्य कर रहे है साथ ही जहां भी जरूरतमंद मिलता है तत्काल उसे राशन भी दिया जा रहा है।

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राशन के पैकेट के साथ-साथ मास्क भी दिया जा रहा है ताकि लोग सुरक्षित रह सके। अब तक हज़ारों पैकेट का वितरण किया जा चुका है तथा सोशल मीडिया में व्यापक स्तर पर पुलिस की इस पहल के बारे में बताया जा रहा है ताकि जरूरतमंद लोग पुलिस तक पहुंच सके और उनकी मदद की जा सके। सूखे राशन के साथ-साथ पुलिस रसोई की भी शुरूआत की गई है जहां गरम भोजन बनता है तथा इसके बाद पुलिस इसे जरुरतमंदों तक पहुंचाती है।

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बीमार मरीजों के लिए कर दी एम्बुलेंस की व्यवस्था

 

इस संकट काल में गंभीर रूप से बीमार मरीजों के लिए पुलिस प्रशासन ने दो एम्बुलेंस की भी व्यवस्था की है। क्षेत्र के मरीजों को इलाज के लिए एक जगह से दूसरी जगह जाने के लिए बहुत चुनौतियों का सामना करना पड़ता था इसलिए यह एम्बुलेंस की व्यवस्था करवाई गई। किशनगंज जिला के बहादुरगंज इलाके में पुलिस के ही एंबुलेंस से एक कैंसर पीड़ित को पटना भेजा गया और इलाज के बाद उन्हें सुरक्षित घर छोड़ा गया। पुलिसकर्मी लोगों को दवा भी पहुंचा रहे हैं।

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किशनगंज के निवासी नरेश बताते हैं कि उनकी बेटी को एनीमिया है जिसके कारण नियमित रूप से ब्लड की जरुरत पड़ती है। उन्होंने बताया, “लॉकडाउन के समय बेटी के लिए ए पॉजिटिव ब्लड चाहिए था। मैंने तमाम ब्लड बैंक में पता किया लेकिन कही नहीं मिला और अंत में मैंने सोचा क्यों न पुलिस को यह बात बताऊं, मैंने अपना यह दर्द पुलिस अधीक्षक आशीष जी को बताया और उन्होंने 2 घंटे के भीतर ब्लड की व्यवस्था करवा दी। पुलिस की मदद से मेरी बच्ची स्वस्थ है।“

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पुलिस अधीक्षक कुमार आशीष ने मीडिया को बताया, “एक दिन मुझे सूरत से एक कॉल आया, कॉल उठाते ही वह व्यक्ति फ़ोन पर अभद्र गाली देने लगा। मैंने संयम नहीं खोया और मामले को पूरी तरह से समझने की कोशिश की तो पता चला कि नवादा के 8 मजदूर सूरत, गुजरात में फंसे हुए है और 3 तीन दिन से भूखे हैं। उन्होंने यह सोच कर गाली दी कि इसके बाद उन्हें जेल भेज दिया जायेगा और वहां दो वक़्त का भोजन तो मिलेगा।

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मैंने इस विषय को तत्काल संज्ञान में लिया और संबंधित अधिकारियों से चर्चा कर उनके रहने के लिए उचित स्थान और राशन की व्यवस्था करवाई। इन बेसहारा और वक़्त के मारे श्रमिकों की मदद करना ही हमारा कर्त्तव्य है। मैंने स्वयं अपने जीवन में गरीबी का विभस्त रूप देखा है इसलिए आज जब मदद करना मेरे लिए संभव है तो मैं इस मौके को किसी भी हाल में छोड़ना नहीं चाहता।”

 

आईपीएस कुमार आशीष ने अपने शुरूआती जीवन में बहुंत संघर्ष किया है। उन्होंने बताया, ‘‘मैंने गरीबी, संघर्ष और संसाधनों के अभाव को बहुत करीब से देखा भी है और महसूस भी किया है, इसलिए किसी भी बेसहारा व्यक्ति को देखता हूँ तो तत्काल मदद के लिए हाथ आगे बढ़ाता हूँ।

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कुमार आशीष कहते हैं कि जनता की मुश्किल देखकर हम लोग अपना दर्द भूल गए हैं। लॉकडाउन के शुरूआती दिनों में गरीबों और मजदूरों की हालत देखकर ऐसा लगा जैसे कोरोना इन्हें तो बाद में अपना शिकार बनाएगा लेकिन उससे पहले कहीं ये लोग भूख से ना मर जाएं। इस वैश्विक महामारी से लाखों लोग पीड़ित हैं।

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उन्होंने कहा, “हम गरीब और बेसहारा लोगों की हरसंभव मदद कर रहें है। हम पुलिस वालों का काम कानून का पालन करवाने के साथ साथ उन मानवीय मूल्यों पर भी काम करना है जिससे एक बेहतर समाज का निर्माण होता है। इस कोरोना रूपी जंग से हम सब मिलकर लड़ रहें है और यह समय उन बेघर लोगों के साथ खड़े होने का है जो आज दर दर भटक रहें हैं।“ संकट की इस घड़ी में किशनगंज पुलिस मानवता की मिशाल पेश कर रही है। आईपीएस कुमार आशीष के जज्बे को पूरा देश सलाम कर रहा है। 'द बेटर इंडिया' उनके सराहनीय कामों को दुनिया के सामने लाया है।

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