कूड़ा-कचरा बीन बहनों को पाल रहा था नन्हा बहादुर....जज्बा देख कुछ ऐसा करके PM मोदी ने चमका दी किस्मत

नई दिल्ली. भारत में न जाने कितने गरीब बच्चे कूड़ा-कचरा बीन अपना परिवार पालने को मजबूर हैं। ये बच्चे आपको घूमते हुए गली-सड़कों से कूड़ा और प्लास्टिक बीनते नजर आ जाएंगे। ऐसे ही एक लड़का गंदी नालियों और तालाब से कूड़ा और प्लास्टिक बीनकर बेचता था। उसी से वो अपना खर्च चलाता था। इस काम को करते-करते उसने शहर में मौजूद एक बड़ी झील पूरी साफ कर दी। झील की सफाई को उसने अपना मकसद बना लिया। पर उसने कभी नहीं सोचा था कि वो एक दिन बड़ा आदमी बनेगा। मजबूत इरादों वाले बिलाल की किस्मत मोदी सरकार ने चमका दी।

 

आइए जानते हैं कैसे ये गरीब लड़का रातों-रात सुर्खियों में आ गया और स्टार बन गया था।

Asianet News Hindi | Published : Apr 18, 2020 8:34 AM IST / Updated: Apr 18 2020, 02:48 PM IST
18
कूड़ा-कचरा बीन बहनों को पाल रहा था नन्हा बहादुर....जज्बा देख कुछ ऐसा करके PM मोदी ने चमका दी किस्मत

कूड़ा उठाने वाले बिलाल अहमद डार ने श्रीनगर के रहने वाले हैं। वो यहां गरीबी में जीवन गुजारने को मजबूर थे। पर आज हर कोई बिलाल को जानता है। यह पहचान अनगिनत कठिनाईयों, भूखमरी के दिन और लोगों के घृणाओं का सामना करने के बाद मिली है।

 

वुलर झील के तट पर बसे लहावालपुरा गांव के रहने वाले बिलाल उस वक्त 6ठी कक्षा में थे, जब साल 2007 में उन्होंने अपने पिता मोहम्मद रमजान, को उनके कैंसर के कारण खो दिया है। पूरा परिवार चूर-चूर हो गया और इस नन्हें से बालक को अपने कंधे पर परिवार को उठाने की जिम्मेदारी लेनी पड़ी।

28

बिलाल ने मीडिया को बताया,  “शुरुआत में हमारी मां ने हम सब के खर्चे ऊठाये। मेरी दो बहनों और मुझे उन्होंने ही पाला। मगर मेरे पिता ने जो अपनी छोटी सी बचत छोड़ गये थे वह मुश्किल से कुछ ही साल ही चल पाई।”

38

जब बिलाल 7वीं कक्षा में पहुंचे तो एक दिन उन्होंने स्कूल के फीस के लिए मां से पैसे मांगे तो मां फफक कर रो पड़ी। ऐसे में बिलाल ने निश्चय किया कि वह पढ़ाई छोड़कर कोई छोटे-मोटे काम करेगा। इस छोटे से बच्चे ने कई तरह के छोटे-मोटे काम जैसे गाड़ी रिपेंयरिंग दुकान से लेकर छोटे-मोटे होटल में सफाई तक के काम किए। इन कामों से उसका पेट तो भर जाता था मगर मुसीबतें अब भी कम होने का नाम नहीं ले रही थी।

 

एक दिन एक टूरिस्ट ने होटल मालिक से कहा वह बाल मजदूरी अधिनियम के तहत उस पर कार्यवाही कर देगा यदि उसने बच्चे को काम से नहीं निकाला तो। यह बिलाल के लिए एक और बड़ा झटका था। उन्होंने सोचा मुझे कुछ और काम देखना पड़ेगा। 

48

जब एक बार बिलाल जब अपने दोस्तों के साथ एक बार जब वुलर झील घूमने गए तो उन्होंने देखा झील काफी गंदी थी। झील में ताजा साफ पानी मौजूद था लेकिन ऊपर अपशिष्ट पदार्थ तैर रहे थे। वो बिना कोई समय गंवाए झील की सफाई में जुट गये। वह झील पर बिखरे प्लास्टिकों को चुनकर जमा करते और उन्हें बेच कर रोजाना 200-250 रुपये तक कमाने लगे। जिससे उन्हें अपनी बहनों में से एक के विवाह की व्यवस्था करने में भी मदद मिली। 

58

ये साल 2017 की बात है बिलाल को शोहरत तब मिली जब एक स्थानीय फिल्म निर्माता जलालुद्दीन बाबा ने उन पर और पर्यावरण की रक्षा के लिए उनके संघर्षों पर डॉक्युमेंट्री ‘सेविंग द सेवियर- स्टोरी आॅफ ए किड एण्ड वुलर लेक’ बनाई। इससे बिलाल काफी फेमस हो गए।

 

लोगों को बिलाल की मेहनत और जज्बे पर गर्व हुआ। स्थानीय अधिकारियों ने भी बिलाल को सम्मानित किया। श्रीनगर म्युनिसपल कार्पोरेश (SMC) ने बिलाल को अपना नया ब्रैण्ड अम्बेसडर चुना। फिल्मी सितारों को नजरअंदाज करते हुए उन्होंने बिलाल के जज्बे को सलाम किया। 

68

वुलर झील एशिया की दूसरी सबसे बड़ी ताजे जल का झील है। झील की सुरक्षा और पर्यावरण के बचाव के लिए लिए बिलाल कई लोगों के लिए एक प्रेरणा बन गए। इनकी कहानी एक संदेश है कि किस प्रकार कचड़ा भी एक कमाई और शोहरत पा सकता है। इस युवक को अब एक विशिष्ठ वर्दी दिया गया और कचड़े और प्रदूषण के प्रति लोगों को जागरुक करने का कार्य सौंपा गया।

 

गवर्नर एन.एन. वोहरा ने बिलाल को प्रोत्साहन के रुप में 10,000 रुपये का चेक दिया था। म्युनसिपल कमिश्नर आबिद राशिद शाह से बिलाल के भविष्य के वृद्धि और विकास में सहयोग करने का आग्रह किया था। 

78

ब्रैण्ड अम्बेसडर के रुप में नियुक्त होने की बात पर बिलाल कहते हैं, “यह मेरे और मेरे परिवार के लिए बहुत ही गौरव का पल है क्योंकि कई बार हमें रात के खाने के लिए कुछ भी नहीं होता था।”

88

“एक ‘इच्छा’ कुछ नहीं बदलती, एक ‘निर्णय’ कुछ बदलता है, लेकिन एक ‘निश्चय’ सब कुछ बदल देता है।” बिलाल ने जब जीविकोपार्जन का निर्णय किया तो उसके जीवन में बहुत कुछ बदलाव आए। पर जब उसने वुलर की स्वच्छता का निश्चय किया तो आज उसकी किस्मत बदल गई।

 

एक अच्छे लक्ष्य का निश्चय एक अच्छे मुकाम तक ले जाता है। बिलाल का यह प्रयास हम सबों के लिए हमारे पर्यावरण के प्रति जिम्मेदारी का एहसास कराता है। आज के शिक्षित युवावर्ग और पीढ़ी के लिए वातावरण एक धरोहर है जिसे संजो कर हमें आनेवाली पीढ़ी को विरासत के रुप में देना है।

Share this Photo Gallery
click me!

Latest Videos

Recommended Photos