अगर इनके अंदाज की बात करें तो जो भी व्यक्ति इन्हें सड़क पर दिखता है, उसे बड़े प्यार से ‘अरे भैया, ओ भैया’ कहकर रोकते हैं। पूछते हैं, ‘कहां घूम रे हो, क्यों घूम रे हो?’ अगर सामने वाले का कारण सचमुच एकदम ज़रूरी लगता है, तब तो ‘जल्दी काम खत्म करो, मास्क पहनो और घर जाओ’ कहकर छोड़ देते हैं। लेकिन अगर कारण बहानेबाजी लगे, तब तो भई आगे जाने ही नहीं देते। कुछ-कुछ को तो उठक-बैठक भी लगवा देते हैं।