इसके बाद 1995 में वो लोक प्रशासन में डिप्लोमा किया और प्रशासनिक सेवा परीक्षा की तैयारी में जुट गये। इसी बीच उनकी महालेखाकार ऑफिस में लेखाकार की सर्विस लग गई। सर्विस होने के बाद भी उन्होंने तैयारी जारी रखी और 1997 में उनका पीसीएस में चयन हुआ और इसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।
तमाम महत्वपूर्ण पदों पर सेवा देने के बाद 2008 में उन्हें आइएएस कैडर मिल गया। वह देहरादून में एडीएम और सिटी मजिस्ट्रेट के अलावा कई जिलों में एडीएम गन्ना आयुक्त, निदेशक समाज कल्याण सहित कई महत्वपूर्ण पदों पर रह चुके हैं। वे अल्मोड़ा और नैनीताल में भी जिलाधिकारी के पद पर रहे हैं।