MLA की गाड़ी का चालान काट फाड़ दिए थे पास....ये हैं तेजस्वनी राणा, जानिए कैसे बनी थीं IAS अफसर

Published : Apr 20, 2020, 03:14 PM ISTUpdated : Apr 20, 2020, 03:19 PM IST

जयपुर. इन दिनों आईएएस अफसर तेजस्वी राणा सुर्खियों में हैं। तेजस्वनी ने हाल में  राजस्थान के चित्तौड़गढ़ जिले में बेंगू विधायक राजेन्द्र सिंह विधूड़ी की गाड़ी का चालान काट दिया था। इसके बाद से वो मीडिया में छा गईं। मामला सुर्खियों में आते ही अगले दिन उनका तबादला हो गया। तेजस्वनी के पिता ने इस घटना पर कहा कि उनकी बेटी एक निडर और जाबांज अफसर हैं। इसके बाद से हर कोई तेजस्वनी के बारे में जानना चाहता है।   आईए जानते हैं कि आईएएस अधिकारी तेजस्वी राणा कौन हैं (Who Is Tejashvini Rana) और उनके अफसर बनने की पूरी कहानी। 

PREV
16
MLA की गाड़ी का चालान काट फाड़ दिए थे पास....ये हैं तेजस्वनी राणा, जानिए कैसे बनी थीं IAS अफसर

तेजस्वी राणा तेजस्वी राणा हरियाणा की रहने वाली हैं। वो प्रोफेसर डॉ. कुलदीप राणा और डॉ. सुनिता राणा की बेटी हैं। उनके पिता डॉ कुलदीप सिंह, इकोनॉमिक के प्रोफेसर हैं, जबकि मां डॉ. सरिता रानी कॉमर्स की प्रोफेसर हैं। कुरुक्षेत्र के डीएवी वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय से स्कूलिंग पूरी कर तेजस्वी बीएससी इकोनोमिक्स करने के लिए आईआईटी कानपुर चली गई थीं।

 

आईआईटी कानपुर से ग्रेजुएशन पूरी करने के बाद तेजस्वी ने सिविल सर्विसेस में भाग्य आजमाया। उन्होंने 2015 में भी भी परीक्षा दी लेकिन सफलता नहीं मिली। दूसरे प्रयास में फिर उन्होंने कमाल कर दिखाया। हरियाणा की इस बेटी को संघ लोक सेवा आयोग की सिविल सर्विसेज परीक्षा 2016 में देशभर में 12वीं रैंक हासिल की। 

26

31 मई को यूपीएससी 2016 का रिजल्ट जारी हुआ था तो तेजस्व‍िनी राणा 12वीं रैंक हासिल कर टॉपर बनी थीं। मीडिया से बातचीत में तेजस्व‍िनी ने बताया UPSC के इंटरव्यू में उनसे 30 मिनट में 50 सवाल पूछे गए थे, लेकिन इनमें से वो 4 सवालों के जवाब नहीं दे पाईं। एक आप ऑफिस में बैठी हैं, कोई लड़का आपके साथ सेल्फी लेना चाहता हो, क्या करेंगी ? इस सावल का जवाब तेजस्वनी ने ट्रेनिंग और माहौल पर छोड़ दिया था। हालांकि और भी सवालों के जवाब वो दे नहीं पाई थीं। बहरहाल वो हाल में वो राजस्थान के चित्तौड़गढ़ की एसडीएम के पद पर तैनात थीं जब सुर्खियों में आ गईं। 

36

इस कार्रवाई के बारे में बात करें तो कोरोना वायरस राजस्थान के 25 जिलों में फैल चुका है। चित्तौड़गढ़ अभी कोरोना से अछूता है। यहां प्रशासन लॉकडाउन के नियमों की सख्ती से पालना करवा रहा है। तेजस्वी राणा चित्तौड़गढ़ के उपखंड अधिकारी पद पर कार्यरत थीं। 14 अप्रैल 2020 को बेंगू विधायक राजेन्द्र सिंह विधुड़ी अपने कार्यकर्ता कान सिंह भाटी के साथ उसकी गाड़ी में चित्तौड़गढ़ फोर्ट से सर्किट हाउस लौट रहे थे। गाड़ी को कान सिंह ही चला रहे थे।

46

रास्ते में अप्सरा चौराहे पर पुलिस अधिकारियों के साथ तैनात एसडीएम तेजस्वी राणा ने कार को रुकवाया और ड्राइविंग लाइसेंस दिखाने को कहा। ड्राइविंग लाइसेंस नहीं मिलने पर जुर्माना लगाया और पुलिस से गाड़ी का चालान कटवा दिया। अगले दिन तबादला विधायक की गाड़ी के खिलाफ कार्रवाई करने वाले दिन ही राणा चित्तौड़गढ़ सब्जी मंडी पहुंची थीं। यहां पर सोशल डेस्टेंसिंग के नियमों का उल्लंघन होता देख व्यापारियों को डांट-फटकार लगाई तथा व्यापारियों ने जब पास दिखाए तो राणा ने उनके पास फाड़ दिए थे। 

56

अगले दिन इनका तबादला संयुक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी हेल्थ इंश्योरेंस एजेंसी जयपुर के पद पर कर दिया था। माना जा रहा है कि इन घटनाओं की वजह से तेजस्वी राणा का तबादला किया गया है। हालांकि विधायक बिधूड़ी का कहना है कि उनका तबादले में कोई हाथ नहीं है।

66

तेजस्वी राणा के तबादले पर उनके पिता डॉ. कुलदीप राणा ने कहा कि उनको अपनी बेटी पर गर्व है। तेजस्वी के पिता बताते हैं कि उनकी बेटी बहुत निडर है। वह हर काम को पूरी ईमानदारी से पूरा करती आई है और देश के प्रति अपनी जिम्मेदारी को समझकर ही कोई भी कदम उठाती है। 

Recommended Stories