मजबूर पिता ने किया अफसर को फोन, कहा- बेटी को ब्लड कैंसर है; खुद जांच रिपोर्ट लेकर घर पहुंच गए DM

जालौन(Uttar Pradesh). देश में इन दिनों कोरोना संकट चल रहा है। कोरोना की संक्रमण चैन तोड़ने के लिए पूरे देश में लॉकडाउन किया गया है। ऐसे में लोगों की सेवा में दिन रात लगे हुए तमाम IAS, IPS, डॉक्टर व अन्य विभागों के लोग एक मिसाल बन आकर सामने आए हैं । ये कोरोना वारियर्स दिन रात काम कर रहे हैं ताकि इस महामारी से जंग जीती जा सके । ऐसे ही यूपी में तैनात एक IAS इन दिनों समाज में असली हीरो बनकर सामने आया है। हम बात कर रहे हैं जिलाधिकारी जालौन डॉ मन्नान अख्तर की। वह रोजाना लोगों की दिन रात मदद में लगे हुए हैं । अब एक 4 साल की मासूम ब्लड कैंसर पीडिता की मदद ऐसा मामला सामने आया है जिसके बाद हर ओर डीएम जालौन की तारीफ हो रही है।
 

Asianet News Hindi | Published : May 2, 2020 9:34 AM IST / Updated: May 02 2020, 03:05 PM IST

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मजबूर पिता ने किया अफसर को फोन, कहा- बेटी को ब्लड कैंसर है; खुद जांच रिपोर्ट लेकर घर पहुंच गए DM

डॉ मन्नान अख्तर 2010 बैच के यूपी कैडर के IAS हैं । मूलतः असम के रहने वाले डॉ मन्नान अख्तर के पिता असम कैडर के ही IFS अफसर रह चुके हैं । डॉ मन्नान अख्तर की पढ़ाई केन्द्रीय विद्यालय से हुई है ।पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने गुवाहाटी मेडिकल कालेज से MBBS किया है ।

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इंटर्नशिप के दौरान उनके दिमाग में IAS बनने का ख्याल आया ।उन्होंने दिल्ली आकर तैयारी की और 2010 में सिविल सर्विस क्रैक करने के बाद IAS बने । उन्हें 55वीं रैंक व यूपी कैडर मिला । उन्हें पहली पोस्टिंग पोस्टिंग मऊ में मिली । फिर एसडीएम मुरादाबाद और बुलंदशहर रहे। इसके बाद सीडीओ अंबेडकरनगर और गोरखपुर रहे। सितंबर 2017 से वह जालौन के डीएम हैं।

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कोरोना से चल रही जंग में डॉ मन्नान अख्तर के मदद करने का जज्बा पूरे जिले में फेमस है। वह किसी भी जरूरतमन्द की परेशानी सुनते ही बेचैन हो जाते हैं। लॉकडाउन में डॉ मन्नान हमेशा लोगों की मदद के लिए तत्पर रहते हैं ।
 

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बीते 29 अप्रैल को डीएम डॉ. मन्नान जिले के अधिकारियों से साथ मीटिंग कर स्थिति का जायजा ले रहे थे। इसी बीच उनके सरकारी नम्बर पर एक मेसेज आया। वह मेसेज पढने लगे उसमे एक बाप की गुहार थी। उसने लिखा था ,‘साहब, मैं शहर के पटेल नगर में रहता हूं। मेरी 4 साल की बेटी को ब्‍लड कैंसर है। सीबीसी का टेस्‍ट होना जरूरी है। प्‍लीज, मदद कीजिए।’
 

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मैसेज पढ़ते ही डीएम डॉ. मन्नान बेचैन से हो उठे। उन्होंने एक मिनट तक सोचने के बाद उसी नंबर पर कॉल बैक कर उन्होंने कहा मैं आपके लिए गाड़ी का इंतजाम कर देता हूं, आप बच्‍ची को जिला अस्‍पताल ले जाकर टेस्‍ट करा सकते हैं। उधर से बच्‍ची के पिता ने जवाब दिया ' साहब मेरी बच्‍ची को ल्यूकेमिया है, जिसके चलते उसकी रोग प्रतिरोधक क्षमता बहुत कम हो चुकी है, लिहाजा डॉक्‍टर्स ने अस्‍पताल जाने से मना किया है।
 

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डीएम ने एडीएम पुष्‍पेंद्र कुमार से किसी प्राइवेट लैब टेक्‍नीशियन को साथ लेकर बच्‍ची के घर जाने के लिए कहा । जिसके बाद ADM एक निजी लैब टेक्‍नीशियन को लेकर बच्‍ची के घर पहुंचते हैं और उसका ब्‍लड सैंपल लेकर डायग्‍नोस्टिक सेंटर वापस आ जाते हैं। इधर, ऑफिस पहुंचने के बाद एडीएम पुष्‍पेंद्र अपने जिलाधिकारी डॉ. मन्‍नान को बच्‍ची के हालात के बारे में विस्‍तार से बताते हैं। 

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रिपोर्ट मिलते ही डीएम खुद रिपोर्ट लेकर बच्ची के घर पहुंचे तो वहां मौजूद सभी लोग आश्चर्यचकित रह गए। बच्‍ची के घर पहुंचने के बाद जिलाधिकारी डॉ. मन्‍नान अख्‍तर ने लैब रिपोर्ट को सिलसिलेवार तरीके से बच्‍ची के पिता समझाया। बतौर डॉक्‍टर उन्होंने बच्‍ची को लेकर अपनी सलाह दिया और भविष्‍य में किसी तरह की जरूरत पड़ने पर उनसे सीधे संपर्क करने के लिए कहा।

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