नई दिल्ली. पूरे देश में लाखों बच्चे सिविल सर्विस में जाने की तैयारी करते हैं। कई बार गरीब परिवार से आने वाले बच्चे कड़े संघर्ष से समाज सेवा वाली इस सबसे प्रतिष्ठित नौकरी में जा पाते हैं। जिम्मेदारियों के बोझ तले बच्चे समय निकालकर पढ़ाई करते हैं। ऐसे ही राजस्थान के रहने वाला एक लड़का पिता का हाथ बंटाने काम में तो उतर गया लेकिन उसने अफसर बनने के अपने सपने को भी जिंदा रखा। उनके परिवार ने कभी उन्हें जिम्मेदारियों की भट्टी में नहीं झोंका लेकिन परिवार के हालात समझते हुए उन्होंने खुद यह निर्णय लिया और बन गये परिवार का संबल। आज जानते हैं एआईआर रैंक 6 पाने वाले शुभम गुप्ता की कहानी जिनका बचपन भी जिम्मेदारियां निभाते बीता पर वे कभी हताश नहीं हुए।
आईएएस सक्सेज स्टोरी (IAS Success Story) में हम आपको बताएंगे कैसे जूते बेचने वाले शुभम गुप्ता ने कड़े संघर्ष और साहस से यूपीएससी पास की और अफसर बनने का ख्वाब पूरा किया-