Published : Apr 16, 2020, 11:36 AM ISTUpdated : Apr 17, 2020, 11:11 AM IST
नई दिल्ली. किसी भी बेटी के लिए उसके पिता ही पहले हीरो होते हैं। वह अपनी हर समस्या के समाधान के लिए, समर्थन के लिए, प्रेरणा के लिए अपने पिता की ओर ही देखती है। और किसी भी पिता के लिए उससे ज्यादा गर्व की बात और क्या हो सकती, जब उसके बच्चे जिंदगी में सफलता पाने में उनसे भी आगे निकल जाते हैं। एक ऐसा ही उदाहरण तेलंगाना में देखने को मिला, जब डीसीपी पिता ने गर्व से अपनी एसपी बेटी को सलामी ठोका और वह भी हजारों लोगों की भीड़ के सामने। पर बेटी ने भले अफसर के तौर पर सैल्यूट कर दिया लेकिन पिता के सम्मान में उसकी आंखे छलक उठीं और नजरें झुका लीं। करियर मोटिवेशनल स्टोरीज (Career Motivational Stories) में हम आपको अफसर बाप की सुपर कॉप बेटी के बारे में बता रहे हैं....।
राशाकोंडा कमिश्नरी के मलकानगिरी के पुलिस उपायुक्त उमा मेहश्वरा शर्मा काफी चर्चित अफसर रहे हैं। वो साल 2019 में रिटायर हुए हैं। महेश्वर शर्मा तीन दशक से ज्यादा समय से पुलिस सेवा में रहे। उन्होंने सब इंस्पेक्टर की नौकरी से शुरुआत कर 30 वर्षों तक सेवा देने के बाद डीसीपी पद तक का सफ़र तय किया।
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वो चाहते थे उनकी बेटी भी पुलिस अफसर बने। पिता का सपना पूरा करने बेटी सिंधु शर्मा भी पुलिस में आ गईं। बाप-बेटी दोनों पुलिस में अपनी सेवा निभाते रहे।
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उनकी बेटी का आइपीएस में चयन साल 2014 में हुआ था। आईपीएस अधिकारी सिंधू अपने पिता को ही अपना आदर्श मानती हैं और उनके ही नक्शेकदम पर चलते हुए उसने पुलिस सेवा ज्वाइन करने का निश्चय किया था। इसके लिए सिंधु ने दिन-रात मेहनत की थी। सिंधू शर्मा मौजूदा समय में तेलंगाना के जगतियाल जिला में पुलिस अधीक्षक के पद पर तैनात हैं।
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दोनों बाप बेटी के बारे में एक पल हमेशा चर्चा में रहा। हैदराबाद से सटे कसेंगराकलां इलाके में साल 2018 में टीआरएस की रैली के दौरान जब डीसीपी पिता का अपनी वरिष्ठ अधिकारी बेटी से आमना-सामना हुआ तो उन्होंने पूरे जोश और गर्व के साथ सैल्यूट किया।
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बेटी ने बड़ी अधिकारी होने के नाते सैल्यूट किया लेकिन उनकी आंखे छलक उठीं और पलके पिता के सम्मान में झुक गई थीं। वहां मौजूद हजारों लोगों के चेहरे पर मुस्कान आ गयी थी। पिता-पुत्री के बीच प्यार और सम्मान को दर्शाता यह पल सच में बेहद प्रेरणादायक था।
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तब उमा महेश्वर शर्मा रशकोंडा पुलिस कमिश्नरी के तहत मलकाजगिरी क्षेत्र के डीसीपी थे। मीडिया से बात करते हुए उन्होंने बताया कि हम दोनों ड्यूटी के दौरान पहली बार आमने-सामने आए थे। ये मेरा सौभाग्य है कि मुझे उनके साथ काम करने का मौका मिला। वह मेरी वरिष्ठ अधिकारी हैं। इसलिए जब वह मेरे सामने पड़ीं तो मैंने अपना फर्ज निभाया।
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हालांकि यह पहली बार नहीं है जब उन्हें अपनी बेटी के सामने ऐसे पेश होने का मौका मिला था। वह जब भी ड्यूटी के दौरान अपनी बेटी के सामने आते हैं तो सैल्यूट करते थे और अपने कर्तव्य का पालन करते रहे। वहीं जब घर पर होते हैं तो उनका रिश्ता एक सामान्य बाप-बेटी वाला होता।