जिस IPS अफसर से खौफ खाते थे गुंडे बदमाश वो बन गई हीरोइन, ऐसे मिला था बॉलीवुड में ब्रेक

इंदौर. देश में लाखों बच्चों सिविल सर्विस में जाने का ख्वाब देखते हैं। अफसर बन देश की सेवा करने के सपने को जीना चाहते हैं। इसके लिए लड़कियां भी कम नहीं हैं। सिविल सर्विस में महिलाओं का दबदबा कायम है। यहां IPS बन महिला पुलिस अधिकारियों ने भी नाम कमाया है। ऐसी ही एक महिला पुलिस अधिकारी के बारे में हम आपको बताएंगे जिसके आगे बड़े बड़े गुंडे कांप जाते थे। उन्होंने पर्दे पर अभिनय भी किया है। हम बात कर रहे हैं खूबसूरत और दबंग महिला ऑफिसर सिमाला प्रसाद की जिन्होंने अपनी प्रतिभा के दम पर प्रशासनिक सेवा से लेकर बॉलीवुड तक मुकाम बनाया। IPS सक्सेज स्टोरी में हम आपको सिमाला के संघर्ष और कामयाबी के सफर की दास्तान सुना रहे हैं। 

Asianet News Hindi | Published : Mar 19, 2020 5:36 AM IST / Updated: Mar 19 2020, 08:30 PM IST

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जिस IPS अफसर से खौफ खाते थे गुंडे बदमाश वो बन गई हीरोइन, ऐसे मिला था बॉलीवुड में ब्रेक
वे 2010 बैच की आईपीएस अधिकारी हैं। खाकी वर्दी पहनने के बाद जिसके नाम से अपराधी खौफ खाते हैं। आईएएस अधिकारी और सांसद डा. भागीरथ प्रसाद व साहित्यकार मेहरून्निसा परवेज की बेटी सीमाला प्रसाद ने स्कूल में डांस और एक्टिंग में भाग लेती थीं। उन्होंने नहीं सोचा था कि वो सिविल सर्विस में जाएंगी।
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पर फिर उन्होंने सिविल सर्विस में जाना चुना। सिमाला ने आईपीएस की राह तक पहुंचने के लिए किसी भी कोचिंग संस्‍थान का सहारा नहीं लिया, बल्कि सेल्‍फ स्‍टडी को सफलता को सीढ़ी माना। भोपाल के बरकतउल्‍ला यूनिवर्सिटी से उन्‍हें सोशियोलॉजी में पीजी के दौरान गोल्‍ड मैडल भी मिला था।
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उनकी प्रारंभिक शिक्षा सेंट जोसफ कोएड स्‍कूल ईदगाह हिल्‍स में हुई उसके बाद स्‍टूडेंट फॉर एक्‍सीलेंस से बीकॉम एवं बीयू से पीजी करने के बाद पुलिस अधिकारी बनने का सपना देखा और इसकी शुरूआत पीएससी की परीक्षा से की।
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पहली परीक्षा में ही पीएससी में वो सिलेक्‍ट हो गई और उनकी पहली नियुक्ति डीएसपी के रूप में हुई। सिमाला को सबसे पहले रतलाम में सीएसपी बनाया गया। यहां पर बड़े अफसरों ने उनकी घोर उपेक्षा की तथा कई बार अपमानित किया। इससे दुखी होकर सिमाला ने एक दिन तय किया कि वे अब आईपीएस बनेगी।
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रात-दिन नौकरी करते हुए अपनी शिक्षा-दीक्षा को बढ़ाते हुए सिमाला ने सिविल सर्विसेस की तैयारी शुरू की और वर्ष 2011 में उनका आईपीएस में चयन हो गया।
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सिमाला की कामयाबी का राज उनके माता-पिता नहीं बल्कि उनकी अपनी शिक्षा-दीक्षा के प्रति जुनून और जज्बा है। सिमाला प्रसाद ने वह करिश्‍मा कर दिखाया क्योंकि उन्होंने अपनी एक्टिंग स्किल को भी आजमाया और बॉलीवुड फिल्मों में काम किया।
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इंदौर में सीएसपी विजय नगर और एएसपी ईस्ट के पद पर कार्य कर चुकी सिमाला बॉलीवुड फिल्म अलिफ में मुख्य किरादार में नजर आई थीं। फिल्म में उनका किरदार एक ऐसे बच्चे की बहन का है जो मदरसे में पढ़ता है और डॉक्टर बनना चाहता है।
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डायरेक्टर जैगम इमाम अपनी फिल्म अलिफ की कास्टिंग कर रहे थे। इस दौरान दिल्ली में एक कार्यक्रम में उनकी मुलाकात सिमाला से हुई। सिमाला की सादगी और खूबसूरती देखकर जैगम ने उनसे मिलने का समय मांगा। फिल्म की  स्क्रिप्ट सुनाने के बाद उन्होंने तत्काल सिमाला को रोल के लिए ऑफर किया।
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सिमाला के अनुसार ‘स्कूल और कॉलेज के दौरान उन्होंने कई नाटकों में काम किया था। वह थिएटर करती थीं। अभिनय का न सिर्फ शौक था बल्कि वह बेहतरीन अदाका रही थीं। अभिनय की समझ उनमें पहले से थी। उन्हें लगा कि लोगों में अवेयरनेस लाने के लिए फिल्म में काम करना चाहिए। इसलिए वे मना नहीं कर पाई।
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फिल्म को ऑस्ट्रेलिया में इंडियन इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल ऑफ क्विंसलैंड में बतौर वर्ल्ड प्रीमियर प्रदर्शित किया गया। इसके साथ ही फिल्म ने बाइस्कोप ग्लोबल फिल्म फेस्टिवल में बेस्ट स्क्रीन प्ले और बेस्ट चाइल्ड आर्टिस्ट के अवॉर्ड भी जीते थे।
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