12वीं में हो गए थे फेल; टीचर ने कहा तुम हो जीरो, दिल पर लग गई बात और बन गए IAS

करियर डेस्क.  किसी ने सच ही कहा है अगर जिंदगी में कुछ पाने के लिए पूरी ईमानदारी से कोशिश की जाए तो मंजिल मिल ही जाती है। सफलता के लिए सिर्फ जरूरी है जोश व लगन। व्यक्ति अपनी मेहनत और जोश के दम पर बड़ा से बड़ा मुकाम हासिल कर सकता है। आज कल अक्सर देखा जा रहा है कि कॉम्पटेटिव एग्जाम्स की तैयारी करने वाले स्टूडेंट्स अक्सर एक या दो बार असफल होने के बाद नर्वस हो जाते हैं। वह अपना संतुलन खो बैठते हैं उन्हें ये लगने लगता है कि अगर वह सफल न हुए तो जिंदगी में क्या कर सकेंगे। उन्हें आगे का रास्ता नहीं सूझता है। आज हम आपको 2018 बैच के IAS सैयद रियाज अहमद की कहानी बताने जा रहे हैं। 
 

Asianet News Hindi | Published : Mar 19, 2020 5:28 AM IST

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12वीं में हो गए थे फेल; टीचर ने कहा तुम हो जीरो, दिल पर लग गई बात और बन गए IAS
रियाज अहमद महाराष्ट्र के रहने वाले हैं। वह साधारण किसान से हैं। उनके पिता केवल तीसरी क्लास तक पढ़े हैं और सरकारी विभाग के चतुर्थ क्लास कर्मचारी से रिटायर्ड हैं। उनकी मां भी सातवीं क्लास तक ही पढ़ी हैं।
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रियाज बचपन से पढ़ने में बहुत तेज नहीं थे। वह अपनी क्लास के एवरेज स्टूडेंट थे। लेकिन उनके पिता ने रियाज के बचपन से ही एक सपना पाल रखा था कि बेटे को IAS बनाना है। बस रियाज को भी इतनी ही बात पता थी कि उन्हें IAS बनना है। ये बात वह अक्सर अपने दोस्तों से भी शेयर किया करते थे।
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12वीं क्लास में रियाज एक सब्जेक्ट में फेल हो गए। जिसके बाद स्कूल में टीचर ने उन्हें कहा कि तुम जीरो हो, जिंदगी में कुछ नहीं कर सकते। यहीं से रियाज की दुनिया बदल गई। वह जी-जान से पढ़ाई में जुट गए।
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रियाज ग्रेजुएशन के बाद सिविल सर्विस की तैयारी में जुट गए। शुरू में उन्हें ये सब काफी मुश्किल लगा लेकिन बार-बार उन्हें पिता का सपना याद आता था। जिससे उनका हौसला बढ़ जाता था। पहली बार उन्होंने UPSC का एग्जाम दिया लेकिन वो प्री में ही फेल हो गए। दूसरी बार फिर से एग्जाम दिया इस बार भी वो प्री परीक्षा पास नहीं कर सके। अब रियाज को अपने टीचर द्वारा कहे गए शब्द याद आने लगे। उन्हें लगने लगा कि क्या मै सच में जीरो तो नहीं। उन्होंने हिम्मत कर तीसरी बार एग्जाम दिया इस बार वो प्री एग्जाम पास करने में सफल रहे। लकिन मेंस में फेल हो गए। अब लोग उनके पिता को ताना मारने लगे। लोग कहते कि क्या बेटे को बुढ़ापे तक पढ़ाओगे अब उसकी शादी कर दो।
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रियाज के पिता को बस बेटे को IAS बनाने का जूनून सवार था। उनका जवाब होता था कि भले ही मेरा घर बेटे की पढ़ाई में बिक जाए लेकिन बेटे को IAS बना कर रहूंगा। पिता का यही हौसला रियाज के लिए एनर्जी बूस्टर का काम करता था। रियाज ने चौथी बार फिर से UPSC का एग्जाम दिया। इस बार भी उन्हें सफलता नहीं मिली। अब रियाज को पढ़ाई के लिए घर से पैसे मांगने में शर्म आती थी। इसलिए उन्होने स्टेट सर्विसेज का एग्जाम पास किया और वो फारेस्ट आफिसर बन गए। अब उनकी पैसों की समस्या का निदान हो गया था।
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2018 में उन्होंने फिर से UPSC का एग्जाम दिया। इस बार उन्होंने प्री और मेंस दोनों पास कर लिया। वह इंटरव्यू देकर वापस आए तो अपने पापा से मायूस होकर बोले कि इंटरव्यू अच्छा नहीं हुई हमे लगता है कि इस बार भी हम क्लियर नहीं कर पाएंगे। लेकिन उनके पिता ने हौसला बढ़ाते हुए कहा कि इस बार तुम्हे IAS बनने से कोई नहीं रोक सकता। वही हुआ भी रियाज ने 261वीं रैंक पाकर इस बार अपने पिता के सपने को पूरा कर दिया था। वह IAS में सिलेक्ट हो गए थे।
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