Kalpana Chawla Birthday: करनाल से निकल कैसे अंतरिक्ष पहुंची कल्पना चावला, देश की महान बेटी की अनसुनी बातें

करियर डेस्क. आज ही के दिन 17 मार्च 1962 भारत की महान बेटी और पहली भारतीय महिला अंतरिक्ष यात्री कल्पना चावला का जन्म हुआ था। वह हरियाणा के करनाल जिले में जन्मी थीं। उन्होंने अपने एक इंटरव्यू में कहा था- मैं अंतरिक्ष के लिए ही बनी हूं। हर पल अंतरिक्ष के लिए बिताया है और इसी के लिए मरूंगी। लेकिन करियर के प्रति जज्बे को लेकर कही गई ये बात सच साबित हो गई थी।  1 फरवरी 2003 को अंतरिक्ष से धरती पर लौटते हुए उनका यान दुर्घटनाग्रस्त हो गया और अगले कुछ मिनटों में इसका मलबा अमेरिका के टैक्सास प्रांत में फैल चुका था। कल्पना को भले दुनिया ने खो दिया लेकिन आज भी वो दिलों में जिंदा हैं। उनके जन्मदिन पर आइए भारत की इस महान बेटी के बारे में कुछ अनसुनी बातें जानते हैं-

Asianet News Hindi | Published : Mar 17, 2021 5:08 AM IST / Updated: Mar 17 2021, 11:21 AM IST
110
Kalpana Chawla Birthday: करनाल से निकल कैसे अंतरिक्ष पहुंची कल्पना चावला, देश की महान बेटी की अनसुनी बातें

हरियाणा जैसे क्षेत्र में जन्मी कल्पना ने कभी नहीं सोचा था वो ज्यादा पढ़-लिख भी पाएंगी। अंतरिक्ष में जाना तो कोसों दूर की बात थी।  उनके पिता का नाम बनारसी लाल चावला और मां का नाम संजयोती है। कल्पना घर में सबसे छोटी थीं लेकिन उनके काम इतने बड़े हैं कि आज भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया के लोग उन्हें याद करते हैं।

210

बचपन में पूछती थीं सवाल

 

कल्पना की प्रारंभिक शिक्षा करनाल के टैगोर बाल निकेतन में हुई। जब वो थोड़ी बड़ी हुईं तो उन्होंने पिता से कहा कि वो इंजीनियर बनना चाहती हैं। कल्पना अक्सर अपने पिता से पूछा करती थीं कि अंतरिक्ष यान क्या होता है। ये आकाश में कैसे उड़ते हैं। क्या मैं भी उड़ सकती हूं। छोटी कल्पना की उड़ान बड़ी थी, लेकिन कई बात तो उनके सवालों को घर के लोग हंसी की बात मानकर टाल देते थे।

310

एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में ली मास्टर्स डिग्री

 

स्कूल के बाद उन्होंने चंडीगढ़ से एरोनॉटिकल इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन किया और उसके बाद अमेरिका के टैक्सास चली गईं। यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सस से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में मास्टर्स डिग्री ली। कल्पना के कदम आगे बढ़ते गए और 1982 में वो अमेरिका गईं। कल्पना पहली भारतीय महिला थीं जो नासा में अंतरिक्ष यात्री के तौर शामिल हुईं।

410

आगे चलकर वे नासा (NASA) का हिस्सा बनीं और उसी के तहत साल 1995 में वे अंतरिक्ष यात्री के तौर पर शामिल हुईं। अगले तीन सालों तक कड़ी मेहनत के बाद कल्पना को अपनी पहली उड़ान के लिए चुना गया। एसटीएस 87 कोलंबिया शटल से उन्होंने पहली उड़ान भरी। ये साल 1997 की बात है। लगभग 1.04 करोड़ मील के सफर के बाद कल्पना ने तकरीबन 360 घंटे स्पेस में बिताए।

510

पहली उड़ान सफलतापूर्वक पूरी हुई थी। अब तक नासा और कल्पना दोनों को ही एक-दूसरे पर भरोसा बढ़ चला था। साल 2003 में उन्होंने कोलंबिया शटल से अंतरिक्ष के लिए दूसरी उड़ान भरी। यह 16 दिन का अंतरिक्ष मिशन था।

 

610

16 जनवरी को शुरू हुआ ये अभियान 1 फरवरी को खत्म होना था। ये वही दिन था जब धरती पर लौटने के दौरान शटल धरती की परिधि में पहुंचकर दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इसमें कल्पना समेत 6 दूसरे अंतरिक्ष यात्रियों की मौत हो गई।

710

1 फरवरी 2003 को अंतरिक्ष में 16 दिन बिताने के बाद जब कल्पना चावला 6 अन्य साथियों के साथ धरती पर लौट रही थीं तो उनका यान क्षतिग्रस्त हो गया था। इस दुर्घटना में कल्पना समेत सभी यात्रियों की मौत हो गई थी। इस हादसे पर फ्लोरिडा के अंतरिक्ष स्पेस स्टेशन का झंडा आधा झुका दिया गया था।

 

810

कल्पना की मौत के बाद उनके पति और पायलेट जीन पिअरे हैरिसन गहरे अवसाद में चले गए थे। दोनों की मुलाकात पायलेट ट्रेनिंग के दौरान हुई थी। दोस्ती बढ़ते-बढ़ते रिश्ते तक पहुंची और दिसंबर 1983 में दोनों ने शादी कर ली थी। कल्पना के नासा में चयन और स्पेस ट्रैवल के दौरान जीन उनके सबसे अच्छे साथी और मजबूत सहारा रहे। 

910

जीन ने ही कल्पना की आत्मकथा लिखी, जिसका नाम है Edge of Time इसमें कल्पना के जुनून और छोटी जगह से आने के बाद भी आगे बढ़ने की महत्वाकांक्षा के बारे में बखूबी बताया गया है। साथ ही कल्पना की निजी जिंदगी के पहलुओं पर भी लेखक ने बात की।

1010

दोस्तों,  कल्‍पना चावला हमेशा युवाओं से सपने को साकार करने की बात पर जोर देती रहीं, उन्‍होंने कहा था, 'अगर आपके पास कोई सपना है तो उसे साकार करने का प्रयास करें। इस बात से जरा-सा भी फर्क नहीं पड़ता कि आप एक औरत हैं, भारत से हैं या फिर कहीं और से।' देश की बेटी आज भी हम सभी के दिलों में जिंदा है।

Share this Photo Gallery
click me!

Latest Videos

Recommended Photos