खेतों में मेहनत कर पिता ने बेटे को था पढ़ाया , बेटे ने IPS बन पूरा किया सपना
लखनऊ(Uttar Pradesh ).फरवरी में CBSE बोर्ड के साथ अन्य बोर्ड के एग्जाम भी स्टार्ट हो जाते हैं। इसके साथ ही बैंक, रेलवे, इंजीनियरिंग, IAS-IPS के साथ राज्य स्तरीय नौकरियों के लिए अप्लाई करने वाले स्टूडेंट्स प्रोसेस, एग्जाम, पेपर का पैटर्न, तैयारी के सही टिप्स को लेकर कन्फ्यूज रहते है। यह भी देखा जाता है कि रिजल्ट को लेकर बहुत सारे छात्र-छात्राएं निराशा और हताशा की तरफ बढ़ जाते हैं। इन सबको ध्यान में रखते हुए एशिया नेट न्यूज हिंदी ''कर EXAM फतह...'' सीरीज चला रहा है। इसमें हम अलग-अलग सब्जेक्ट के एक्सपर्ट, IAS-IPS के साथ अन्य बड़े स्तर पर बैठे ऑफीसर्स की सक्सेज स्टोरीज, डॉक्टर्स के बेहतरीन टिप्स बताएंगे। इस कड़ी में आज हम 2010 बैच के IPS और बिजनौर के SP संजीव त्यागी के संघर्षों की कहानी आपको बताने जा रहे हैं।
संजीव त्यागी मूलतः यूपी के गाजियाबाद के मोरटा गांव के रहने वाले हैं। उनके पिता ईश्वर चंद्र त्यागी एक मेहनतकश खेतिहर किसान थे। संजीव पांच भाइयों में तीसरे नंबर पर हैं ।
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संजीव के पिता ईश्वर चंद्र अब इस दुनिया में नहीं हैं। साल 2017 में उनकी मौत हो चुकी है। उन्होंने अपने पांचो बेटों को खूब पढ़या लिखाया। उनके पास जमीने काफी थी। वह इस जमीन में खेती करते थे। मेहनत कर वह इससे जो भी कमाते थे वह अपने बच्चों की पढ़ाई में खर्च कर देते थे।
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उनकी ये मेहनत रंग भी लाई। साल 2010 में उनके बेटे संजीव का चयन IPS में हो गया। उसके आलावा उनके दो बेटे इंजीनियर हैं। एक प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए कोचिंग चलाते हैं। जिसकी देश में कई शाखाएं हैं।
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2010 बैच के IPS अधिकारी संजीव ने अपनी ट्रेनिंग के दौरान राजधानी लखनऊ में बतौर DSP तैनात रहे। उनकी तेजतर्रार कार्यशैली से सभी उनके कायल थे। अपराध को सुलझाने व अपराधियों तक सर्विलांस के जरिए पहुंचने में उन्हें महारत हासिल है।
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वर्तमान में संजीव बिजनौर के SP हैं। CAA के दौरान हुए प्रदर्शन के दौरान उन्होंने काफी सूझबूझ का परिचय दिया था। बिजनौर में हिंसा जितनी विकराल रूप से भड़की थी संजीव ने अपनी समझ से उसे कंट्रोल करने में कामयाब रहे।