मां की बीमारी से रखा दूर
प्रदीप के अनुसार, उनकी मां की तबियत बहुत ज्यादा खराब हो गई और उन्हें हॉस्पिटलाइज करना पड़ा। तब प्रदीप दिल्ली में थे। घर वालों ने प्रदीप को इस बात की भनक भी नहीं लगने दी। प्रदीप के पिता और भाई नहीं चाहते थे कि प्रदीप का पढ़ाई से ध्यान भटके। इसलिये उन्होंने प्रदीप को ये बताई ही नहीं। वास्तविकता में आईएएस बनने कि पीछे किसी एक व्यक्ति का संघर्ष नहीं होता। बल्कि, उसके माता-पिता, दोस्त, शिक्षक और भी कई लोगों का संघर्ष शामिल होता है। बता दें कि साल 2019 में की टॉपर्स लिस्ट में दूसरे स्थान पर जतिन किशोर, तीसरे स्थान पर प्रतिभा वर्मा हैं।