करियर डेस्क. Success Story: देश की सबसे प्रतिष्ठित परीक्षा यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा मानी जाती है। इसको पास करके कोई भी शख्स रातो-रात अपनी क्लास बदल लेता है। आम इंसान से आप सरकार के साथ सीधे जुड़ जाते हैं। समाज में रूतबा और सम्मान मिलता है सौ अलग। कुछ इसीलिए अधिकतर लोग सिविल सेवा में जाना चुनते हैं। जनता के लिए काम करना का जज्बा भी इसमें शामिल होता है। खैर, इस परीक्षा को पास करना भी उतनी ही टेड़ी खीर है। कुछ लोगों को कई बार कोशिश करने पर भी सफलता नहीं मिलती है। लेकिन अगर जिद्द सच्ची हो और लगन पक्की हो तो कोई भी मंजिल दूर नहीं। कुछ ऐसा ही किस्सा है आंध्र प्रदेश के रुशीकेश रेड्डी के साथ, जिन्होंने चार बार असफलता देखी बावजूद पांचवे प्रयास में IAS बने और परिवार का नाम रोशन कर दिया। आइए जानते हैं इनकी सक्सेज स्टोरी-
आंध्र प्रदेश के कडप्पा के रहने वाले रुशीकेश पढ़ाई में अच्छे रहे हैं। स्कूल के बाद उन्होंने आईआईटी की परीक्षा क्लियर की और आईआईटी दिल्ली में एडमिशन लिया। यहां से ग्रेजुएट होने के बाद रुशीकेश ने यूपीएससी के अटैंप्ट्स देने शुरू किए। अपने पहले ही अटैंप्ट में वो इंटरव्यू तक जा पहुंचे लेकिन 20 नंबर से रह गए। रुशीकेश ने हार नहीं मानी और लगातार यूपीएससी की परीक्षा देते रहे।
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दूसरे अटेम्पट में वे मेन्स परीक्षा पास नहीं कर पाए। तीसरे अटेम्पट में उन्होंने तीनों स्टेज क्लियर की और उन्हें रैंक मिली 374, इस रैंक के अंतर्गत उन्हें इंडियन रेलवे ट्रैफिक सर्विस एलॉट हुई। पांचवें अटेम्प्ट के दौरान वे इसी सेवा में कार्यरत थे।
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हालांकि रुशीकेश अभी भी अपनी रैंक से संतुष्ट नहीं थे इसलिए उन्होंने फिर से अटेम्पट दिया और चौथी बार में सबसे बड़ा झटका उन्हें मिला जब वे प्री भी पास नहीं कर पाए। यहीं से आप समझ सकते हैं कि इस परीक्षा के बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता। आखिरकार अपने पांचवें अटेम्प्ट में रुशीकेश ने 95वीं रैंक के साथ IAS का पद पाया।
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कोचिंग के बिना हो सकते हैं सफल
रुशीकेश सफलता के लिए कोचिंग को जरूरी नहीं मानते। उन्होंने खुद बिना कोचिंग लिए सफलता पाई है। रुशीकेश कहते हैं कि सेल्फ स्टडी सबसे जरूरी है। कोचिंग लेने के बाद भी आखिरकार काम सेल्फ स्टडी ही आती है।
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उन्होंने कहा कि तैयारी कर रहे छात्रों को अपना हौसला बढ़ाते रहना चाहिए। हर परिस्थिति के लिए खुद को तैयार रखें। कई बार यह भी देखा गया है कि चार अटेंप्ट में कोई प्री भी नहीं निकाल पाता लेकिन पांचवे अटेंप्ट में वो सीधा IAS बन जाता है. इसलिए खुद पर भरोसा रखना सबसे जरूरी है।