कविता की डांस के प्रति दिवानगी बचपन से ही थी। जब वे 4 साल की थीं, तभी से डांस के प्रति उनका रुझान बढ़ गया था। छोटी सी उम्र में ही गुरु नीला से उन्होंने भरतनाट्यम की बारीकियां सीखीं और जल्द ही डांस को जुनून बना लिया। वह उन चंद अधिकारियों में शामिल हैं, जिन्होंने अपने टैलेंट के दम पर पहचान बनाई।