बच्चे को पीठ पर बांध 3 घंटे खड़े होकर पढ़ाती रही प्रोफेसर, ममता और फर्ज के इस जज्बे को सलाम

नई दिल्ली. महिला सशक्तिकरण, उनके सम्मान और समाज में उनके योगदान के लिए पूरी दुनिया में 8 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है। इस दिन महिलाओं के काम, उनके संघर्ष, और सफलता को याद किया जाता है। कार्यक्षेत्र और घरों में महिलाओं को सम्मानित किया जाता है। महिलाएं अपने जज्बे और हिम्मत से हर क्षेत्र में कीर्तिमान रच देती हैं। वो घर, परिवार संभालते हुए भी अपने करियर में सफलता की सीढ़ियां चढ़ती जाती हैं। महिला अगर मां के रूप में हो तो योद्धा बन जाती है। वो बच्चे को संभालते हुए हजार मुश्किलों से लड़ती है। ऐसी ही एक महिला की फोटो को देख लोग हैरान रह गए। लोगों महिला के जज्बे को देख सैल्यूट किया। ये महिला शिक्षक पीठ पर अपने बच्चों को बांधकर स्कूल में पढ़ा रही थी। इस महिला दिवस 2020 पर हम अपने जज्बे और फर्ज निभाने वाली इन माओं को सलाम कर रहे हैं। 

Asianet News Hindi | Published : Mar 5, 2020 9:44 AM IST / Updated: Mar 05 2020, 05:03 PM IST

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बच्चे को पीठ पर बांध 3 घंटे खड़े होकर पढ़ाती रही प्रोफेसर, ममता और फर्ज के इस जज्बे को सलाम
देश दुनिया में ज्यादातर महिलाएं मां बनने के बाद नौकरी छोड़ देती हैं। उनका बच्चा हो गया तो जॉब या पढ़ाई छूट जाती है। पर दुनियाभर में कई मां ऐसी भी रही हैं जो बच्चे होने के बावजूद अपनी पढ़ाई और नौकरी करती हैं। वो कहते हैं ना जहाँ चाह हैं वहां राह भी हैं। बहुत सी माएं अपने बच्चों को पीठ पर लादकर फर्ज निभाती नजर आई हैं। इनके हिम्मती कदम को देख लोग दंग रह गए। ममता और डेडिकेशन का ये नजारा देख लोगों ने जमकर सराहा। ऐसी ही साल 2019 में एक कॉलेज प्रोफेसर की ये तस्वीर सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुई थी। उनकी स्टूडेंट Georgia Gwinnett कॉलेज में पढ़ रही थीं वो एक बच्चे की मां थीं। बच्चे को लेकर ही वो कॉलेज आती थीं। कॉलेज की प्रोफ़ेसर डॉ. रामत सिसोको सिसे लेक्चर दे रही थीं। इस लेक्चर के दौरान ही प्रोफेसर सोशल मीडिया स्टार बन गई थीं। प्रोफोसर ने पूरे तीन घंटे बच्चे को पीठ पर बांधकर क्लास दी थी।
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दरअसल बायोलॉजी की असि‍स्‍टेंट प्रोफेसर डॉ. सिसे बताती हैं कि स्टूडेंट जॉर्जिया ने उनसे पूछा था कि क्या वो क्लास में अपने बच्चे को ला सकती हैं? मैंने उसे इसकी अनुमति दे दी थी क्योंकि उसकी पहले ही बहुत सी क्लास मिस हो गई थी और परीक्षा भी नजदीक आ रही थीं। ऐसे में मैं नहीं चाहती थी कि वो पढ़ाई में पीछे हो जाए। इसके बाद जब वो क्लास में बच्च्चा लाई तो कुछ देर सब ठीक था। फिर डॉ सीसे ने देखा कि जॉर्जिया अपने बच्चे को गोद में रखकर ठीक से लिख नहीं पा रही थी। ऐसे में प्रोफेसर के अंदर की ममता जाग उठी, उन्होंने अपनी लैब का कोट लिया और उसमें बच्चे को बैठाकर पीठ से बांध लिा था। दिलचस्प बात ये हैं कि प्रोफ़ेसर ने अपनी तीन घंटे की क्लास में पूरे समय बच्चों को पीठ पर बांधे ही स्टूडेंट्स को पढ़ाया था। इस तरह बच्चे की मां ने आराम से नोट्स लिख लिए थे। क्लास में ही किसी ने डॉ सीसे की फोटोज खींच लिए और उनकी बेटी ऐना ने सोशल मीडिया पर शेयर कर दिए। इसके बाद ये फोटोज वायरल हो गए। बस इसके बाद प्रोफ़ेसर सीसे कई सारी महिलाओं की रोल मॉडल बन गई थीं।
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ऐसे ही एक तस्वीर हाल में उत्तर प्रदेश से सामने आई थीं। यहां मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के एक कार्यक्रम में एक महिला कॉन्स्टेबल बच्चों को गोद में लिए ड्यूटी करती नजर आई थी। सुरक्षा में तैनात प्रीति रानी अपने डेढ़ साल के बच्चे को गोद में लिए हुए ड्यूटी कर रही थीं। प्रीति ने बताया कि उनके पति का एग्जाम था, वे अपने साथ बच्चे को घर अकेला नहीं छोड़ सकती थीं। इसलिए अचानक से प्रीति को बच्चे को लेकर ड्यूटी पर आना पड़ा। प्रीति दादरी थाने में तैनात हैं।
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गुजरात के अहमदाबाद में पुलिस कॉन्स्टेबल संगीता परमार बच्चे के साथ ड्यूटी करती नजर आई थीं। उनकी फोटोज जमकर वायरल हुईं। महिला सिपाही के लिए एक साल के बच्चे को संभालना कोई आसान काम नहीं था। उनके के सामने दो-दो चुनौतियां पहली तो कानून-व्यवस्था संभालना और दूसरी अपने एक साल के बच्चे को पालने-पोसने की। पर संगीता मां और वर्दी के दोनों के फर्ज को बखूबी निभाती नजर आईं। थाने में पेड़ के तने में दुपट्टा बांध पालना बनाकर वो ड्यूटी पर ही बच्चे को खिलाती नजर आईं। उनके जज्बे को देख लोगों ने सैल्यूट किया।
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ऐसे ही ऑस्ट्रेलियाई संसद ने ममता की नई मिसाल पेश की। संसद में बच्चों को लाने पर अब तक सख्त मनाही रही है। पर लारिसा वॉटर्स संसद में कारवाई के दौरान अपनी दो माह की बच्ची स्तनपान कराया था। वो ऐसा करने वाली पहली ऑस्ट्रेलिया सांसद बनी थीं। सांसद वॉटर्स अपने काम के प्रति काफी ईमानदार हैं लेकिन इसके साथ-साथ वह अपने मां होने की जिम्मेदारी को भी बखूबी समझती हैं। मां बनने के दो महीने बाद ही वॉटर्स काम पर लौट आई थीं। अपनी बच्ची आलिया जॉय की देखभाल के लिए उसे भी सदन में साथ लाईं। सदन की कारवाई के दौरान ही बच्ची को भूख लग गई और वह रोने लगी तो वॉटर्स ने उसे दूध पिलाया। उनकी फोटो वायरल हुई तो लोगों ने उनकी जमकर तारीफ की थी।
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असम में ड्यूटी पर तैनात दो महिला पुलिस सिपाही अपनी गोद में छोटे छोटे बच्चों को खिलाती हुई नज़र आईं। उनकी फोटोज ने भी सोशल मीडिया पर कोहराम मचाया था। आसाम पुलिस की सिपाही दरअसल एग्जाम देने आई दो महिलाओं के बच्चों को संभाल रही थीं। बच्चों की माँ को TET (Teachers’ Eligibility Test) की परीक्षा दे रही थीं, ऐसे में ये महिलाएं आराम से परीक्षा में लिख सके इसलिए महिला पुलिसकर्मियों ने उन्हें खुद आगे रहकर बच्चे संभालने का ऑफर दिया था। इसके बाद महिला सिपाही की जमकर तारीफ हुई।
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यूपी के झांसी में 'मां और पुलिस' दोनों का फर्ज अर्चना ने भी बखूबी निभाया था। सोशल मीडिया पर उनकी तस्वीरें जमकर वायरल हुई। अर्चना कोतवाली में दुधमंही बच्ची को साथ लेकर ड्यूटी पर तैनात थीं। किराए के मकान में रहने वाली महिला सिपाही की 10 साल की बड़ी बेटी दादा-दादी के पास कानपुर में रहती है। अर्चना ने दूसरी बेटी होने पर छुट्टी ली थी फिर छोटी बेटी को लेकर ड्यूटी पर लौट आई थीं। थाने में बेटी की परवरिश होती देख पुलिस अधिकारियों ने भी उनकी तारीफ की। डीजीपी ओपी सिंह ने उन्हें कानपुर में ही तैनाती दे दी थी।
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लखनऊ के गाजीपुर थाने में तैनात महिला कांस्टेबल स्वाति सिंह ड्यूटी पर बच्चे को दूध पिलाती नजर आईं। उनकी तस्वीर सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुई थी। इस तस्वीर में वे अपने पुलिस ड्यूटी के साथ बच्चे की देखभाल करती दिखीं। लोगों ने महिला कांस्टेबल स्वाति सिंह के जज्बे और ममता को जमकर सराहा।स्वाति सिंह ने आगे कहा कि ड्यूटी के दौरान कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है, लेकिन उन्होंने हमेशा अपने बच्चे पर नजर रखी और चाहें कैसे भी परिस्थिती हो। उन्होंने कभी अपने बच्चे को अकेले नहीं छोड़ा।
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यूपी पुलिस में गौतमबुद्ध नगर में तैनात एक महिला कॉन्सटेबल अपने जुड़वे बच्चों के साथ काम कर रही थीं। कॉन्सटेबल अपने दो जुड़वा बच्चों के साथ वर्दी का फर्ज निभाते दिखीं। नोएडा के इकोटेक-1 थाना में तैनात कामिनी नाम की महिला कॉन्सटेबल सोशल मीडिया पर जमकर सराही गईं थी।
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