कौन हैं भारत के बेटी आरती प्रभाकर, जो बनने जा रहीं अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन की साइंस एडवाइजर

करियर डेस्क : दिल्ली (Delhi) में जन्मी भारत के बेटी आरती प्रभाकर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) का वैज्ञानिक सलाहकार बनाया जाएगा। भारतीय मूल की भौतिक विज्ञानी (Physicist) डॉ. आरती प्रभाकर (Arati Prabhakar) एरिक लैंडर की जगह लेंगी। लैंडर ने 7 फरवरी, 2022 को अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। आरती व्हाइट हाउस ऑफिस ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी (OSTP) की डायरेक्टर होंगी। हालांकि पद ग्रहण करने से पहले उन्हें सीनेट की मंजूरी की जरूरत होगी। जिसमें कुछ महीनों का वक्त लग सकता है। अगर सीनेट उन्हें मंजूरी देता है तो वह OSTP का नेतृत्व करने वाली पहली महिला और अश्वेत व्यक्ति बन जाएंगी। पढ़िए भारतवंशी आरती प्रभाकर के बारें में सबकुछ, कहां से पढ़ाई की, कैसे ह्वाइट हाउस तक का सफर तय किया...

Asianet News Hindi | Published : Jun 22, 2022 8:09 AM IST
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कौन हैं भारत के बेटी आरती प्रभाकर, जो बनने जा रहीं अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन की साइंस एडवाइजर

दिल्ली में जन्म, टेक्सास में बीता बचपन
आरती प्रभाकर का जन्म 2 फरवरी 1959 में भारत की राजधानी नई दिल्ली में हुआ जन्म। इसके बाद वह टेक्सास चली गईं और उनका बचपन और शुरुआती पढ़ाई वहीं से हुई। 1984 में उन्होंने कैलिफोर्निया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से पीएचडी की और फिर संघीय सरकार के लिए काम करने लगीं।

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बिल क्लिंटन ने दी थी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी
आरती प्रभाकर जानी-मानी भौतिक विज्ञानी हैं। साल 1993 में जब बिल क्लिंटन अमेरिका के राष्ट्रपति थे, तब उन्होंने प्रभाकर को राष्ट्रीय मानक और प्रौद्योगिकी संस्थान (NIST) का नेतृत्व करने के लिए चुना था। NIST का नेतृत्व करने के दो दशक बाद बराक ओबामा यूएस प्रेसीडेंट बने और उन्होंने आरती प्रभाकर को डिफेंस एडवांस्ड रिसर्च प्रोजेक्ट्स एजेंसी (DARPA) की जिम्मेदारी सौंपी।

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DARPA का नेतृत्व करने वाली दूसरी महिला
आरती प्रभाकर DARPA का नेतृत्व करने वाली दूसरी महिला बनीं। उन्होंने यहां पर पांच साल 30 जुलाई 2012 से 20 जनवरी 2017 तक काम किया। इसी कार्यकाल दौरान उन्होंने एक जैव प्रौद्योगिकी कार्यालय बनाया। ये कार्यालय कोविड 19 से लड़ने के लिए RNA के टीकों पर काम करता है।  

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Actuate की संस्थापक हैं प्रभाकर
आरती एक्चुएट ( Actuate) की संस्थापक हैं। साल 2019 में उन्होंने इसकी स्थापना की थी। यह एक गैर लाभकारी संस्था है। जो स्थायी ऊर्जा की दूसरे सोर्स, स्वास्थ्य से लेकर प्रौद्योगिकी के सही इस्तेमाल के लिए काम करती है। बाइडेन कई बार उन्हें अपना वैज्ञानिक सलाहकार बनाने का दांव भी लगा चुके हैं।

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बाइडेन के एजेंडे को पूरा करने में मदद करेंगी
वैज्ञानिक सलाहकार का मुख्य काम विज्ञान के लिए राष्ट्रपति के एजेंडे को पूरा करने में मदद करना है। चूंकि आरती प्रभाकर के पास DARPA में काम करने का लंबा अनुभव है। ऐसे में वह बाइडेन प्रशासन को ARPA-H और नए NSF प्रौद्योगिकी निदेशालय को खड़ा करने में मदद करेंगी। पिछले साल की ही बात है जब प्रभाकर ने एक पत्र लिख बताया था कि सरकार में DARPA मॉडल को कैसे लागू किया जा सकता है। 

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